गोरखपुर, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री एवं गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर में स्थित शिवावतारी बाबा मंदिर के शक्तिपीठ में पांच माह की कन्या मृगाक्षी को अन्नप्राशन कराया।
श्री योगी ने अपने आवासीय परिसर में स्थित शक्तिपीठ में मृगाक्षी को अन्नप्राशन के बाद चंदन का टीका लगाया तथा चुनरी ओढ़ाकर कर उसे गोद में भी लिया।
इसके के पहले मुख्यमंत्री ने गुरुवार रात शारदीय नवरात्रि के अवसर पर शिवावतारी गुरु गोरक्षनाथ की तपस्थली गोरक्षपीठ में लोक कल्याण की भावना के साथ शक्ति उपासना पीठ की परंपरा के अनुसार विधि विधान से शक्ति मंदिर में वैदिक मंत्रोच्चार के बीच कलश स्थापना कर मां शैलपुत्री की उपासना की। करीब दो घंटे तक चला अनुष्ठान आदिशक्ति की आराधनाए आरती और क्षमा प्रार्थना के साथ संपन्न हुआ।
श्री योगी ने नवरात्रि के दूसरे दिन शुक्रवार को सुबह मां ब्रह्मचारिणी की आराधना करेंगे।कलश स्थापना के पूर्व गोरक्षपीठाधीश्वर की अनुमति से गोरखनाथ मंदिर परिसर में परंपरागत भव्य कलश शोभायात्रा श्रद्धाभाव से निकाली गई। शाम करीब साढ़े पांच बजे मंदिर के प्रधान पुजारी योगी कमलनाथ को गोरक्षपीठाधीश्वर ने परंपरागत रूप से अपने हाथों से शिवावतारी गुरु गोरक्षनाथ का त्रिशूल देकर रवाना किया।
मुख्यमंत्री कमलनाथ की अगुआई में साधु-संतों की कलश शोभायात्रा मां दुर्गा के जयघोष के बीच भीम सरोवर पहुंची जहां कलश भरने के बाद भीम सरोवर की परिक्रमा कर कलश शोभायात्रा वापस शक्ति मंदिर में पहुंची और वैदिक मंत्रोच्चार के बीच कलश स्थापित किया गया। मंदिर के प्रधान पुरोहित आचार्य रामानुज त्रिपाठी एवं अन्य पुरोहितों ने निर्देशन में योगी आदित्यनाथ ने सबसे पहले मां दुर्गाए भगवान शिव और गुरु गोरखनाथ के शस्त्र त्रिशूल को प्रतिष्ठित करके गौरी-गणेश की आराधना की।