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हम इतनी दूर बस सेमीफ़ाइनल जीतने के लिए नहीं आए हैं : जिमी नीशम

दुबई, ‘कोशिश करो और हर गेंद पर छक्का मारो’ – यह थी जिमी नीशम की योजना जब वह डैरिल मिचेल का साथ देने क्रीज़ पर आए थे। न्यूज़ीलैंड को सेमीफ़ाइनल में इग्लैंड के ख़िलाफ़ 29 गेंदों में 60 रनों की आवश्यकता थी। नीशम ने 11 गेंदों का सामना करते हुए तीन बार गेंद को मैदान से बाहर भेजा और एक चौका भी लगाया।

नीशम ने पूरा ज़ोर लगाते हुए उन चारों गेंदों पर प्रहार किया। क्रिस जॉर्डन के ख़िलाफ़ उनका पहला छक्का बल्ले पर ठीक से नहीं लगने के बाद भी मिडविकेट सीमा रेखा के बाहर चला गया। उसके बाद उन्होंने फिर एक बार लेग साइड पर करारा शॉट लगाया और डीप मिडविकेट और लॉन्ग ऑन के बीच चौका बटोरा। नीशम ने फिर से गेंद को स्लॉग किया और ऐसा लग रहा था कि डीप मिडविकेट पर जॉनी बेयरस्टो ने कमाल का कैच लपक लिया है लेकिन रिप्ले में पता चला कि अपने साथी खिलाड़ी को गेंद थमाने से पहले उनका घुटना बाउंड्री को लग गया था।

नीशम ने लेग स्पिनर आदिल राशिद के ख़िलाफ़ भी अपने हाथ खोले और मिडविकेट की दिशा में अपना तीसरा छक्का लगाया।फ़ाइनल से पहले नीशम ने न्यूज़ीलैंड क्रिकेट की मीडिया टीम से कहा , “जब मैंने क्रिस जॉर्डन को दूसरी ही गेंद पर छक्का लगाया तब डैज़ (डैरिच मिचेल) मेरे पास आए और उन्होंने पूछा, तुम क्या सोचते हो? मैंने सिर्फ़ इतना कहा कि मैं हर गेंद पर छक्का लगाने जा रहा हूं। गेंद हमेशा बल्ले के बीच से नहीं निकलती है लेकिन अच्छा हुआ कि मैंने कुछ गेंदों पर आक्रमण किया और उन्हें मैदान से बाहर भेजा। अंत में हमने आराम से मैच जीत लिया।”

नीशम के तीन छक्कों ने दूसरे छोर पर बड़े शॉट लगाने के लिए संघर्ष कर रहे मिचेल पर से दबाव को कम किया। राशिद ने नीशम को अपनी गुगली से फंसाया लेकिन उसके बाद मिचेल ने दो छक्कों और एक चौके के साथ जीत सुनिश्चित की। जबकि उनकी टीम के साथी 2015 विश्व कप में बढ़िया खेल दिखा रहे थे, नीशम ने साउथ अफ़्रीका के ख़िलाफ़ वह सेमीफ़ाइनल मैच दर्शक दीर्घा में बैठकर देखा था। उसके बाद क्रिकेट से उनका मन उठ गया और उन्होंने संन्यास लेने के बारे में भी सोचा। 2019 विश्व कप में दिल टूटने की बात न करें तो ही बेहतर है। 2021 में वह गेंदों को अबू धाबी के मैदान से बाहर भेज रहे थे।

नीशम ने कहा, “एक सेमीफ़ाइनल जीतना जश्न मनाने के योग्य स्थिति है लेकिन हम इतनी दूर बस सेमीफ़ाइनल जीतने के लिए नहीं आए हैं। हमने अपने नज़रें महत्वपूर्ण अंतिम मैच पर जमाई हुई है। एक मैच अभी बाक़ी है और मुझे यक़ीन है कि अगर हम वहां जीत हासिल करते हैं तो भावनाओं का एक बड़ा प्रवाह होगा।”

नीशम ने ज़ोर देकर कहा कि सेमीफ़ाइनल की जीत के उत्साह से प्रभावित होना न्यूज़ीलैंड के स्वभाव में नहीं है। साथ ही उन्होंने टीम पर भरोसा जताते हुए कहा कि वह 14 नवंबर के अंतिम मैच की तैयारियों में लग जाएंगे।