जयपुर, खिलाड़ियों में “आत्मविश्वास” और “विश्वास” पैदा करना, साथ ही बायो-बबल में एक व्यस्त शेड्यूल के मद्देनजर उनका “शारीरिक और मानसिक रूप” से ख्याल रखना भारत के नए टी20 अंतर्राष्ट्रीय कप्तान रोहित शर्मा और टीम के प्रमुख कोच राहुल द्रविड़ के मुख्य उद्देश्यों में से एक हैं।
हाल ही में टी20 विश्व कप के ग्रुप चरण में भारत के बाहर होने के बाद रोहित ने विराट कोहली से कप्तानी संभाली और अब टी20 विश्व कप के दूसरे संस्करण के शुरू होने में एक साल से भी कम समय रह गया है। रोहित ने कहा कि वह और द्रविड़ प्रत्येक खिलाड़ी की भूमिका को परिभाषित करने पर काम करेंगे और उन्हें “निडर” खेलने के लिए सुरक्षा देंगे क्योंकि टी20 आपको बहुत अधिक जोख़िम लेने की मांग करता है और सभी इस तरह का क्रिकेट खेलने के आदी नहीं होते हैं।
रोहित ने जयपुर में बुधवार को होने वाले न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ टी20 मुक़ाबले से पहले जूम प्रेस कॉन्फ्रेंस में द्रविड़ के बगल में बैठकर कहा, “यह इस प्रारूप के महत्वपूर्ण पहलुओं में से एक है जहां खिलाड़ियों को पिच पर जाकर जोख़िम लेने होते हैं। अगर यह आता है, तो आता है, अगर ऐसा नहीं होता है, तो क्या हुआ। यही वह जगह है जहां हम दोनों को एक बड़ी भूमिका निभाने की ज़रूरत है और जहां हर खिलाड़ी को ख़ुद को व्यक्त करने की छूट होगी।”
कप्तान में कहा,”यह ज़रूरी है, ख़ासतौर पर इस प्रारूप में, जहां पर आपको निडर खेलने की ज़रूरत होती है और यह भी हो सकता है कि आप हमेशा सफल नहीं हो पाएं क्योंकि यह छोटा प्रारूप है और आपको हमेशा चुनौतियां मिलती हैं। दबाव हमेशा वहां पर रहता है। हम उस नज़रिये पर भी ध्यान रखेंगे कि पूरा सेट अप एक बड़ा योगदान दे चाहे वह व्यक्तिगत बल्लेबाज़ी हो और जैसा हम बल्लेबाज़ी कराना चाहते हों, आप मैदान में जाओ और हमारे लिए काम करो। अगर वह ऐसा नहीं कर पाता है तो हम उनमें आत्मविश्वास पैदा करेंगे कि हमें उन पर पूरा विश्वास है, बस जाओ और टीम के लिए अपना रोल अदा करो। जितने लंबे समय तक वे अपने रोल को निभाने की कोशिश करेंगे, हम खुश हैं।”
दूसरी ओर द्रविड़, सभी प्रारूपों में खिलाड़ियों और टीमों की देखरेख करेंगे, क्योंकि भारत घर पर 2023 वनडे विश्व कप और विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के नवीनतम चक्र में खेलेगा। न्यूज़ीलैंड की टीम के कारण कार्यभार प्रबंधन विशेष रूप से ध्यान में आया है, जो दुबई में रविवार को विश्व कप में उपविजेता रहा और 24 घंटे से भी कम समय के बाद जयपुर में तीन मैचों की टी20 अंतर्राष्ट्रीय खेलने उतरेगा, जिसके बाद दो टेस्ट होंगे। द्रविड़ ने कहा कि कार्यभार प्रबंधन अब समय की ज़रूरत है, लेकिन उन्होंने विभिन्न प्रारूपों में अलग-अलग टीमों के साथ खेलने से इनकार किया।
द्रविड़ ने कहा, “कार्यभार प्रबंधन अब खेल का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया है क्योंकि आजकल बहुत अधिक क्रिकेट खेला जाता है। जैसा कि हम फ़ुटबॉल में भी देखते हैं, सीज़न इतने लंबे होते हैं और कुछ शीर्ष खिलाड़ी सभी मैच नहीं खेलते हैं। इसलिए यदि हम पूरे वर्ष खेल रहे हैं तो हमें खिलाड़ियों के कार्यभार प्रबंधन के बारे में सावधान रहना होगा। हम क्या करते हैं, यह टीम के भीतर या उन्हें ब्रेक देकर होगा। यह परिस्थति पर निर्भर करेगा, लेकिन जैसा कि मैंने पहले कहा है, खिलाड़ियों की मानसिक और शारीरिक सुरक्षा सबसे महत्वपूर्ण होगी, इसलिए यह एक संतुलन से भरा कार्य है और हमें यह समझने की आवश्यकता है कि हमें इस तरह के समय में इस संतुलन के साथ कार्य करने की ज़रूरत है। साथ ही सभी को फ़िट और बड़े टूर्नामेंट के लिए तैयार करने की दिशा में काम करना होगा।”
द्रविण ने कहा,”मुझे नहीं लगता कि हम उस जगह पर हैं जहां हम अलग-अलग टीमों (अलग प्रारूपों के लिए) के बारे देख रहे हैं। बेशक, कुछ ऐसे खिलाड़ी हैं जो केवल विशेष प्रारूप खेलते हैं और कुछ ऐसे हैं जो सभी प्रारूप खेलते हैं। जाहिर है, ऐसे समय में हमें खिलाड़ियों के साथ बातचीत करने की ज़रूरत है, मेरे लिए खिलाड़ियों का शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य सबसे महत्वपूर्ण है। मैं हमेशा उनके साथ बातचीत में रहूंगा और मैं उनके साथ काम करना चाहता हूं ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि जब भी वे खेल रहे हैं, तो वह पूरी तरह से ताजा हों। हमें यह पहचानने की ज़रूरत है कि खिलाड़ियों के लिए और विशेष रूप से उन खिलाड़ियों के लिए चुनौतीपूर्ण समय है, जिनसे सभी प्रारूपों में खेलने की उम्मीद की जाती है। हम हर एक खिलाड़ी हर प्रारूप में खिलाने पर सक्षम नहीं हो सकते हैं। हमें इसे वास्तविकता के रूप में स्वीकार करने की आवश्यकता है। यहां अन्य लोगों के लिए आगे बढ़ने और इसका उपयोग करने का अवसर है और उन्हें अपना कौशल दिखाने का समय है।”