मुंबई, भारत अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) के 2023 सत्र की मेजबानी करेगा। भारत ने शनिवार को बीजिंग में आयोजित 139वें आईओसी सत्र में वर्चुअल रूप से भागीदारी देते हुए 2023 आईओसी सत्र की मेजबानी के लिए बोली जीती।
आईओसी की सदस्य नीता अंबानी, भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) के अध्यक्ष डॉ. नरिंदर बत्रा, केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर और भारत के पहले व्यक्तिगत ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता (बीजिंग 2008, निशानेबाजी) अभिनव बिंद्रा की मौजूदगी वाले भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने आईओसी सत्र के दौरान वर्चुअल रूप से आईओसी सदस्यों के सामने बोली प्रस्तुति की और भारत को 2023 में होने वाली आईओसी सत्र की मेजबानी को लेकर हुए मतदान में वैद्य 76 वोटों में से 75 वोट मिले। 2023 सत्र मुंबई के ‘जियो वर्ल्ड कन्वेंशन सेंटर’ में होगा। उल्लेखनीय है कि भारत में चार दशकों बाद आईओसी सत्र का आयोजन होगा। पिछला आयोजन 1983 में हुआ था।
भारी बहुमत से मेजबानी का अधिकार जीतने के बाद आईओसी की सदस्य एवं रिलायंस फाउंडेशन की चेयरपर्सन नीता अंबानी ने इसे भारत के लिए गर्व का क्षण बताया। भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करते हुए नीता अंबानी ने आईओसी के आगामी सत्र के भारत में आयोजित करने की दमदार पैरवी की। उन्होंने आईओसी सदस्यों को बताया, “ भविष्य में ओलंपिक खेलों को भारत लाना हमारा सपना है। हम चाहते हैं कि दुनिया के सबसे युवा देश भारत के नौजवान ओलंपिक की भव्यता और विशालता को महसूस करें। हम इस साझेदारी को और मजबूत करना चाहते हैं। ”
नीता ने कहा, “ ओलंपिक मूवमेंट 40 साल के इंतजार के बाद भारत वापस आ रही है। मैं 2023 में मुंबई में आईओसी सत्र की मेजबानी करने का सम्मान भारत को सौंपने के लिए आईओसी की आभारी हूं। यह भारतीय खेलों के लिए एक नए युग की शुरुआत करेगा। ” उन्होंने ओलंपिक सत्र 2023 के अवसर पर वंचित समुदायों के युवाओं के लिए विशिष्ट खेल विकास कार्यक्रमों की एक श्रृंखला शुरू करने का प्रस्ताव भी रखा।
नरिंदर बत्रा ने एक बयान में कहा, “ मैं नीता अंबानी को उनके दृष्टिकोण और नेतृत्व के लिए तथा अपने सभी आईओसी सहयोगियों को उनके समर्थन के लिए धन्यवाद देता हूं। अगले साल मुंबई में आपका इंतजार रहेगा। यह भारत के खेल के लिए एक नए युग की शुरुआत है। हम चाहते हैं कि ओलंपिक मूवमेंट हमारी अगली पीढ़ी के उज्जवल भविष्य के निर्माण में केंद्रीय भूमिका निभाए। 2023 में मुंबई को यादगार आईओसी सत्र की मेजबानी देना, भारत की नई खेल क्षमता को प्रदर्शित करने की दिशा में पहला कदम होगा। ”