इटावा ,समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव के शैक्षिक गुरू अवध किशोर बाजपेई उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर विभिन्न समाचार चैनलाें पर दिखाये जा रहे एग्जिट पोल को बकवास करार देते हुये कहा कि दस मार्च को मतगणना में समाजवादी पार्टी (सपा) गठबंधन को जनादेश मिलना तय है।
सिविल लाइन इलाके मे रहने वाले अग्रेजी के प्रवक्ता पद से रिटायर हो चुके अवध किशेार बाजपेई यूनीवार्ता से कहा “ मीडिया के एक वर्ग को प्रभावित करके भाजपा के पक्ष मे एग्जिट पोल का प्रचार कराया जा रहा है ताकि सपा कार्यकर्ता हत्तोसाहित हो जाये। सभी सर्वे पूरी तरह से फर्जी प्रतीत हो रहे है। उनके शिष्य अखिलेश ने भाजपा को सत्ता से उतारने के लिए जिस तरह से मेहनत की है उससे साफ है कि उसको उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने से कोई रोक नही सकता है।”
अवध किशोर बाजपेई ऐसे चंद ऐसे लोगों में है जिनको अखिलेश यादव सबसे अधिक पंसद करते है। उन्हे अखिलेश यादव को उस समय अंग्रेजी पढ़ाने की जिम्मेदारी सौंपी गई जब वह पढ़ाई में काफी कमजोर थे। 2012 मे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री की कुर्सी पर काबिज हो चुके अखिलेश यादव धारा प्रवाह अंग्रेजी मे माहिर खिलाडियो को मात देते है । बाजपेई कहते हैं कि जब साल 2012 में उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव की सफलता की खबर सुनकर ऐसा लगा मानो उनकी शिक्षा सफल हो गयी है।
बाजपेई उस दिन को याद करते हैं जब मुलायम सिंह यादव ने सेंट मेरी स्कूल में अखिलेश की पढ़ाने की जिम्मेदारी उन्हें सौंपी थी । इसके बाद बाजपेई ने ही अखिलेश यादव को सैनिक स्कूल के लिए तैयार किया और खुद वर्ष 1983 में अखिलेश यादव को धौलपुर के मिलिट्री स्कूल लेकर के गए। अखिलेश ने छठी क्लास में दाखिले के लिए परीक्षा दी थी बाजपेई याद करते हैं कि प्रिंसिपल ने अखिलेश से अंग्रेजी में पूछा कि हेलमेट का क्या काम है अखिलेश ने बेझिझक होकर अंग्रेजी में जवाब दिया कि यह शरीर की रक्षा के लिए बहुत जरूरी है क्योंकि मस्तिष्क शरीर का संचालक होता है और हेलमेट मस्तिष्क एक की रक्षा करता है।
12 साल के बच्चे से ऐसा साफ-साफ जवाब सुनकर के प्रिंसिपल ने अखिलेश को तुरन्त दाखिला दे दिया । बाजपेई बताते हैं उस वक्त भी अखिलेश को इस बात का गुरूर नहीं था कि मुलायम सिंह यादव के बेटे हैं बल्कि वो शुरुआत से ही काफी विनम्र थे । खास बात तो यह है कि अखिलेश आज भी बहुत ही विनम्र और मृदुभाषी है ।
बाजपेई बताते हैं कि वह अक्सर अखिलेश के चाचा शिवपाल सिंह यादव के साथ,जो धौलपुर जाकर उनकी पढ़ाई के संबंध में जानकारी लिया करते थे । अखिलेश कक्षा सात में होेगे जब शिवपाल और उनकी पत्नी धौलपुर छोडने के लिए गये तो अखिलेश ने ताजमहल देखने के इच्छा जताई जिसकी तस्वीर आज भी सुरक्षित रखी हुई है। बाजपेई के पास अखिलेश यादव का वो अंर्तरदेशी पत्र आज भी यथावत रखा हुआ है जो अखिलेश यादव ने धौलपुर से अपने शैक्षिक गुरू अवध किशोर बाजपेई को क्लास मे प्रमोशन के बाद लिखा था ।
अवध किशोर ने बताया कि कक्षा छह में अखिलेश का चयन धौलपुर सैनिक स्कूल में हो गया था। बाद के दिनों में संभवत मुलायम सिंह के राजनीति में होने के चलते अखिलेश ने भी राजनीति में पदार्पण किया, नहीं तो आज वे भारतीय सेना में जनरल होते । उनका कहना है कि अखिलेश का कद ही उनकी गुरु दक्षिणा है।