नई दिल्ली, 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर बीजेपी के लिये बड़ी चुनौती की दिल्ली में शुरूआत हो गई है। ये चुनौती स्टालिन का द्रविड़ माडल है।तमिलनाडु की प्रमुख राजनीतिक पार्टी द्रविड़ मुनेत्र कड़गम यानि डीएमके ने आज दिल्ली में अपने पार्टी का कार्यालय शुरू किया है।
आज डीएमके प्रमुख और तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ दिल्ली में अपनी पार्टी के नए कार्यालय ‘अन्ना-कलैगनार अरिवालयम’ का उद्घाटन किया। उद्घाटन समारोह में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी, सपा प्रमुख अखिलेश यादव और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिंदबरम भी मौजूद थे।
निश्चित तौर पर डीएमके ने राजधानी में ‘द अन्ना-कलैगनार अरिवालयम’ की स्थापना कर एक ऐतिहासिक रिकॉर्ड बनाया है।स्टालिन की इस तरकीब को सियासी चश्मे से और 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए रणनीति तैयार करने के रूप में देखा जा रहा है। इस अवसर पर, स्टालिन ने कहा है कि राजधानी में सामाजिक न्याय-समानता-भाईचारे जैसे द्रविड़ सिद्धांतों के उभरने का समय आ गया है। यह भारतीय संघ की राजनीति में एक जरूरी हिस्सा है। अन्ना-कलैगनार अरिवलयम को पार्टी ‘द्रविड़ मॉडल’ के प्रतीक के रूप में लोगों के सामने रखेगी।
इस इमारत का डिजाइन और निर्माण द्रविड़ वास्तुकला के अनुसार किया गया है। इसमें चार ऊंचे स्तम्भों वाले अग्रभाग के साथ, अन्ना और कलैग्नर की बस्ट प्रतिमाएं पोर्च में लगाई गई हैं। डीएमके नेताओं के लिए सलाहकार मंच के साथ ही, भव्य लाइब्रेरी भी है। यह निश्चित रूप से न केवल तमिलनाडु के इतिहास में, बल्कि देश में भी अंकित किया जाएगा।दिल्ली में अन्ना-कलैगनार अरिवलयम का निर्माण केवल एक राजनीतिक घटना नहीं है, यह एक महान ऐतिहासिक घटना है जिसने उत्पीड़ित तमिलों को गौरवान्वित किया है।
इससे पहले स्टालिन ने कहा था- “हमारा भारतीय संघ विभाजनकारी ताकतों से एक बड़े खतरे का सामना कर रहा है। हम सभी को उन्हें हराने और भारत के संस्थापक सिद्धांतों की रक्षा करने के लिए एक साथ आना चाहिए। मैं पूरे भारत में द्रविड़ मॉडल सिद्धांत के बीज बोने को अपना मिशन बनाउंगा। हमेशा – हमेशा के लिए – किसी भी स्थिति में – किसी भी जिम्मेदारी में, मैं आप में से एक हूं।”
द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) देश की तीसरी सबसे बड़ी पार्टी है। लोकसभा और राज्यसभा सहित उसके 30 सांसद हैं। विधानसभा चुनाव में स्टालिन के नेतृत्व में डीएमके ने 2021 में दस साल बाद सरकार बनाई। जीत का यह क्रम शहरी और ग्रामीण पंचायत चुनावों में भी जारी रहा। तमिलनाडु में कांग्रेस, वामदलों, एमडीएमके और अन्य क्षत्रप दलों ने उनको अपना नेता मान लिया।
स्टालिन का DMK को नेशनल पॉलिटिक्स में लाने का प्लान है। डीएमके खुलकर भाजपा की नीतियों की आलोचना करने वाले दलों में से एक है। स्टालिन कई बार केंद्र सरकार की कड़ी आलोचना कर चुके हैं। कुछ दिन पहले ही स्टालिन ने ‘सामाजिक न्याय मोर्चा’ नाम से गठबंधन तैयार करने की कोशिश है। उन्होने सामाजिक न्याय मोर्चा बनाने की घोषणा करते हुए इसमें शामिल होने के लिए कांग्रेस समेत 65 राजनीतिक दलों को पत्र लिखा था। DMK के आने से मंडल-कमंडल की राजनीति एकबार फिर से जोर पकड़ सकती है।