तंजावुर, तमिलनाडु में तंजावुर के पास बुधवार तड़के एक मंदिर की रथयात्रा के दौरान करंट लगने से तीन नाबालिगों सहित 11 लोगों की मौत हो गयी, जबकि 14 अन्य झुलस गये।
प्रधानमंत्री कार्यालय ने मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की है, वहीं मुख्यमंत्री कार्यालय ने उनके लिए पांच-पांच लाख रुपये की सहायता की घोषणा की।
मध्य क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक वी. बालकृष्णन ने बताया कि कालीमेडु के ग्रामीणों द्वारा गठित एक शैव प्रार्थना क्लब ने सातवीं शताब्दी के तमिल कवि-संत श्री अप्पर की याद में रथयात्रा का आयोजन किया। दुर्घटना वार्षिक चिथिरई उत्सव के दौरान हुई। उन्होंने बताया कि घटना वार्षिक चिथिरई उत्सव के दौरान हुई। श्री अप्पर या थिरुनावुक्कारासर की तस्वीर वाली रथयात्रा को मंगलवार मध्यरात्रि बड़ी संख्या में भक्त खींच रहे थे। इसी दौरान करीब 12:45 बजे रथ के ऊपर लगी 25 से 30 फुट लंबी बिजली के सीरियल बल्ब की लड़ियां हाई वोल्टेज लाइन के संपर्क में आ गयी।
इससे रथ में आग लग गयी और 10 लोगों की मौके पर ही मौत हो गयी। घटना में झुलसे 13 अन्य लोगों को तंजावुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल ले जाया गया, जहां बुधवार सुबह 13 वर्षीय एक नाबालिग ने दम तोड़ दिया। एक अन्य व्यक्ति की भी हालत नाजुक है। पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।
राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि, मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन और विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने हादसे पर शोक व्यक्त किया है।
राष्ट्रपति राम ना कोविंद ने ट्वीट किया, “तंजावुर में रथयात्रा में करंट लगने से बच्चों सहित कई लोगों की मौत ऐसी त्रासदी है, जिसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। शोक संतप्त परिवारों के प्रति मेरी गहरी संवेदना है। मैं घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं।”