देवरिया, उत्तर प्रदेश के देवरिया में महर्षि देवरहा बाबा के नाम से स्थापित मेडिकल कालेज में विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी से गम्भीर रोगियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
इस मेडिकल कालेज का लोकार्पण पिछले साल अक्टूबर में किया गया था जबकि फरवरी 2022 से मेडिकल छात्रों की पढ़ाई भी शुरू हो गई है। लोगों को उम्मीद जगी थी कि मेडिकल कालेज शुरू हो जाने से अब यहां के लोगों को गम्भीर बीमारी के इलाज के लिये बाहर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी लेकिन आज भी इस मेडिकल कालेज में कार्डियोलॉजिस्ट, न्यूरोलाजिस्ट, गैस्ट्रोलाजिस्ट और नेफ्रोलॉजिस्ट का टोटाबना हुआ है जिसके चलते मरीजों को बनारस,लखनऊ, गोरखपुर और पटना की ओर रुख करना पड़ रहा है। यहां हृदय रोग के सामान्य मरीजों का इलाज फिजीशियन कर रहे हैं।
इस सम्बंध में मेडिकल कालेज के प्राचार्य डाक्टर राजेश बर्नवाल ने मंगलवार को यूनीवार्ता से बातचीत में कहा कि जितनी सुविधा और डाक्टर हैं, उन्हीं से मरीजों का उपचार किया जा रहा है।कार्डियोलॉजिस्ट, न्यूरोलाजिस्ट, गैस्ट्रोलाजिस्ट और नेफ्रोलॉजिस्ट के डाक्टर न होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि अभी अभी ये मेडिकल कालेज शुरू हुआ है।कोई जादू का छड़ी नहीं है कि तत्काल चालू कर दिया जाय और सुविधाएं मिलनी शुरू हो जाय।
उन्होंने कहा देवरिया मेडिकल कालेज में कार्डियोलॉजिस्ट, न्यूरोलाजिस्ट, गैस्ट्रोलाजिस्ट और नेफ्रोलॉजिस्ट विभाग शासन द्वारा शुरू ही नहीं किया गया है लेकिन यहां मरीजों को देखते हुए एक कार्डियोलॉजिस्ट के लिये शासन से पत्र व्यवहार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि गोरखपुर मेडिकल कालेज में करीब पचास साल बाद कार्डियोलॉजिस्ट के पद पर किसी डाक्टर की नियुक्ति हुई थी। यहां भी जल्द ही कार्डियोलॉजिस्ट की नियुक्ति कराने का प्रयास किया जा रहा है।