मुंबई, अमेरिका में बेरोजगारी दर अनुमान से कम रहने और चीन के ब्याज दर में पंद्रह आधार अंक की कटौती से वैश्विक अर्थव्यवस्था के मजबूत बने रहने की उम्मीद में हुई लिवाली से बीते सप्ताह लगभग तीन प्रतिशत की तेजी में रहे शेयर बाजार में अगले सप्ताह भी उतार-चढ़ाव रहेगा।
बीते सप्ताह बीएसई का तीस शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 1532.77 अंक की छलांग लगाकर सप्ताहांत पर 54 हजार अंक के मनोवैज्ञानिक स्तर के पार 54326.39 अंक और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 484 अंक की बढ़त लेकर 16 हजार अंक के मनोवैज्ञानिक स्तर के ऊपर 16266.15 अंक पर रहा।
समीक्षाधीन सप्ताह में बीएसई की दिग्गज कंपनियों की तरह छोटी और मझौली कंपनियों में भी लिवाली हुई। इससे मिडकैप 691.19 अंक चढ़कर 22506.85 अंक और स्मॉलकैप 1035.54 अंक उछलकर 26351.29 अंक पर पहुंच गया।
निवेश सलाह देने वाली कंपनी स्वास्तिका इन्वेस्टमार्ट लिमिटेड के शोध प्रमुख संतोष मीणा ने कहा, “वैश्विक अर्थव्यवस्था में मुद्रास्फीति और मंदी निवेशकों के लिए चिंताजनक है। इसलिए, विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) लगातार बिकवाली कर रहे हैं। हालांकि घरेलू निवेशकों के समर्थन के कारण भारतीय शेयर बाजार बेहतर स्थिति में हैं।”
उन्होंने कहा कि मई वायदा सौदा निपटान को लेकर अगले सप्ताह बाजार में उतार-चढ़ाव बना रह सकता है। वैश्विक फ्रंट पर अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व की ओपन मार्केट कमेटी की बैठक के मिनट्स 25 मई को जारी होंगे, जिसका असर बाजार पर देखा जा सकेगा। साथ ही डॉलर इंडेक्स और अन्य कमोडिटी की कीमतों में उतार-चढ़ाव अगले सप्ताह बाजार की दिशा निर्धारित करने वाले अन्य महत्वपूर्ण कारक होंगे।