मौसम विभाग ने कई जिलों के लिए जारी किया रेड और ऑरेंज अलर्ट

हैदराबाद,  दक्षिणी राज्य तेलंगाना में मौसम विभाग ने यहां के नौ जिलों के लिए ‘रेड अलर्ट’ जारी किया है, जिनमें अगले 24 घंटों के दौरान भारी से बहुत भारी बारिश होने के आसार हैं।

राज्य में कोमाराम भीम आसिफाबाद, मंचेरियल, निर्मल, निजामाबाद, मुलुगु, भद्राद्री कोठागुडेम, महबूबाबाद, वारंगल (ग्रामीण) और वारंगल (शहरी) जिलों के अलग-अलग स्थानों पर भारी से बहुत भारी वर्षा होने का अनुमान है।

मौसम विभाग ने अपनी एक स्पेशल रिपोर्ट में राज्य के 11 जिलों के लिए ‘ऑरेंज अलर्ट’ जारी करते हुए कहा कि आदिलाबाद, जगतियाल, राजन्ना सिरसिल्ला, करीमनगर, पेद्दापल्ली, जयशंकर भूपालपल्ली, सिद्दीपेट, यादाद्री भुवनगिरी, रंगारेड्डी, हैदराबाद, मेडचल-मलकाजगिरि के अलग-अलग स्थानों पर भारी से बहुत भारी वर्षा होने के आसार हैं।

इसमें कहा गया कि तेलंगाना के शेष जिलों में छिटपुट स्थानों पर भारी बारिश होने का अनुमान है।
उत्तर-पश्चिम और उससे सटे पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी पर दक्षिणी ओडिशा, उत्तर आंध्र प्रदेश के तटों पर चक्रवाती परिसंचरण औसत समुद्र तल से 7.6 किमी ऊपर तक फैला हुआ है, जिसका ऊंचाई के साथ दक्षिण-पश्चिम की ओर झुकाव है।.

इसी के साथ मॉनसून ट्रफ अब जैसलमेर, कोटा, जबलपुर, रायपुर, भुवनेश्वर और उत्तर-पश्चिम और उससे सटे पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर से होकर गुजरेगी और वहां से पूर्व में बंगाल की पूर्व-मध्य खाड़ी तक जाएगी। यह समुद्र तल से 1.5 किमी ऊपर तक फैली हुई है।
पूर्व-पश्चिम शियर जोन अब अक्षांश 19 डिग्री उत्तर प्रायद्वीपीय में औसत समुद्र तल से 3.1 किमी और 5.8 किमी के बीच में ऊपर तक फैला हुआ है, ऊंचाई के साथ दक्षिण की ओर झुक रहा है।

मौसम विभाग ने 10 और 11 जुलाई के लिए राज्य में ‘ऑरेंज और येलो अलर्ट’ जारी किया था।
इसके अलावा, आदिलाबाद, कोमाराम भीम आसिफाबाद, मंचेरियल, निर्मल, जगतियाल और राजन्ना सिरसिला जिलों में छिटपुट स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश होने का अनुमान लगाया गया है।

तेलंगाना के निजामाबाद, करीमनगर, पेद्दापल्ली, जयशंकर भूपालपल्ली, मुलुगु, भद्राद्री कोठागुडेम, खम्मम, नलगोंडा, सूर्यपेट, नागरकुरनूल जिलों के अलग-अलग स्थानों पर भी भारी बारिश होने के आसार हैं।

रिपोर्ट में कहा गया, इस दौरान कुछ घंटों के लिए बिजली-पानी की समस्या का सामना करना पड़ सकता है, सड़कों में जलजमाव की भी परेशानी उठानी पड़ सकती है। खेत जलमग्न होने की वजह से कृषि भूमि/फसल को भी नुकसान पहुंचने की आशंका है।

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