बैसेटेरे, अंतर्राष्ट्रीय करियर की शुरुआत एक बैकअप गेंदबाज़ी विकल्प के तौर पर करने वाले हार्दिक पांड्या को अब लगता है कि वह एक प्रमुख तेज़ गेंदबाज़ की भूमिका निभा सकते हैं। वेस्टइंडीज़ के ख़िलाफ़ खेले गए पहले तीन टी20 में अर्शदीप सिंह के बाद केवल हार्दिक ही ऐसे गेंदबाज़ रहे जिन्होंने पूरे चार ओवर किए हैं। मंगलवार को इस्तेमाल हुई पिच पर हार्दिक ने वेस्टइंडीज़ के बल्लेबाज़ों को तेज़ गेंद और धीमी गेंद के संयोजन से परेशान किया।
भारत के 2-1 से सीरीज़ में बढ़त बनाने के बाद हार्दिक ने कहा, “जब भी मैं गेंदबाज़ी कर रहा हूं, मुझे मज़ा आ रहा है। मुझे लगा कि मुझे अपनी गेंदबाज़ी को सुनिश्चित करने के लिए कुछ समय निकालना चाहिए क्योंकि मुझे एहसास हुआ है कि जब मैं गेंदबाज़ी करता हूं, तो यह टीम को बहुत संतुलन देता है। इससे कप्तान को भी आत्मविश्वास मिलता है।”
“हां मैं पहले भी गेंदबाज़ी करता था, मैं तब उस समय गेंदबाज़ी पर आता था जब कोई अच्छी गेंदबाज़ी नहीं करता था। मुझे लगता है कि मैं अब कह सकता हूं कि मैं तीसरे या चौथे तेज़ गेंदबाज़ के तौर पर पूरे चार ओवर कर सकता है और बल्ले के अलावा गेंद के साथ भी उतना ही योगदान दे सकता हूं।”
तीसरे टी20 में जब हार्दिक गेंदबाज़ी पर आए तो उस समय वेस्टइंडीज़ क स्कोर चार ओवर में बिना किसी नुक़सान के 32 रन था। काइल मेयर्स लगातार प्रहार कर रहे थे। जब हार्दिक ने देखा कि मेयर्स हवा के साथ तेज़ गति की शार्ट लेंथ गेंद को मिडविकेट के ऊपर मार रहे हैं तो उन्होंने अपनी लाइन को ऑफ़ स्टंप से दूर रखना शुरू कर दिया और गेंद में गति भी बढ़ाई। इससे हवा के ख़िलाफ़ मारने में बल्लेबाज़ों को चुनौती हुई।
हार्दिक ने ब्रैंडन किंग को धीमी गति की ऑफ़ कटर पर आउट किया और इसके बाद 10वें ओवर में इसी तरह की गेंद पर मेयर्स को लगातार तीन बार बीट किया। ओवर द विकेट से आते हुए वह एक अच्छे कोण से बल्लेबाज़ से दूर जाती कटर गेंद डाल रहे थे। हार्दिक ने एक विकेट लेकर 19 रन दिए। भारत की सात विकेट से जीत के बाद मेयर्स ने यह भी स्वीकार किया कि हार्दिक और भारत ने वेस्टइंडीज़ की तुलना में परिस्थितियों का बेहतर इस्तेमाल किया।
हार्दिक ने कहा, “मेरे लिए यह वह दृष्टिकोण है जिसका मैं अनुसरण कर रहा हूं। मैं मानता हूं कि ज़िंदगी में अगर आप हर पल के मजे़ ले रहे हैं और एक सकारात्मक सोच के साथ हैं तो परिणाम आपकी ओर जाएंगे। तो मेरे लिए यह परिणाम की बात नहीं है। यह इसके बारे में है कि मैं गेम को कैसे ले जाता हूं, कितनी स्मार्ट सोच रख रहा हूं और कैसे मैं परिस्थिति और माहौल का इस्तेमाल कर सकूं जो मुझे बल्ले या गेंद से मदद दे।”
भारतीय कप्तान रोहित शर्मा भी हार्दिक और आर अश्विन के मध्य ओवरों में की गई गेंदबाज़ी से ख़ुश हैं, जहां निकोलस पूरन और अन्य बल्लेबाज़ों को शांत रखा गया। रोहित ने कहा, “जिस तरह से हमने मध्य ओवरों में गेंदबाज़ी की वह शानदार था। मुझे लगता है कि वह बहुत अहम था क्योंकि उन्हें बड़ी ओपनिंग साझेदारी मिल गई थी और उनके पास मध्य क्रम में कुछ अनुभवी बल्लेबाज़ थे। मुझे लगता है कि हमने परिस्थितियों का अच्छे से इस्तेमाल किया। हमने अपनी विविधताओं का बहुत अच्छे से इस्तेमाल किया और इसके बाद जिस तरह से हमने रनों का पीछा किया वह क़ाबिले तारीफ़ था।”
हार्दिक ने कहा कि वेस्टइंडीज़ दौरे के लिए भारत के टी20 उपकप्तान बनने से उनका खेल नए स्तर पर पहुंचा है। इस साल में उन्होंने आईपीएल में गुजरात टाइटंस की कप्तानी करते हुए उन्हें ख़िताब जिताया और आयरलैंड दौरे पर कप्तानी करते हुए भारत को 2-0 से जीत दिलाई। हार्दिक ने कहा, “मुझे हमेशा से ज़िम्मेदारी लेने में मज़ा आता है और इससे मेरा खेल और सुधरता है। जब भी मैं ज़िम्मेदारी लेता हूं तो यह मेरे गेम में सुधार कर देता है क्योंकि मैं ज़्यादा सोचता हूं और इससे मेरे क्रिकेट में नए पहलू जुड़ते हैं।”
हार्दिक ने रोहित की भी तारीफ़ की जिन्होंने खिलाड़ियों को एक अच्छा माहौल दिया है। हार्दिक ने कहा, “बिल्कुल, उपकप्तान बनने का मौक़ा सम्मानजनक है। कप्तान आपको बहुत ज़्यादी आज़ादी देते हैं जो उनकी कप्तानी की ताक़़त भी रही है। मैं जब भी उनके साथ खेला हूं, अधिक श्रेय उन्हीं को जाता है जिस तरह से वह टीम को एक साथ लेकर चलते हैं और टीम में सकारात्मकता लाते हैं। उसी समय पर खिलाड़ी भी सुरक्षित महसूस करते हैं। वह यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि खिलाड़ियों को पर्याप्त मौके़ मिले और जो नहीं खेल रहे हैं उन्हें बताया जा रहा है कि वे क्यों नहीं खेल रहे हैं।”