मुंबई, केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने शनिवार को किसानों को चीनी उत्पादन कम करने तथा ऊर्जा और बिजली क्षेत्रों की ओर कृषि में विविधता लाने का सुझाव दिया।
नितिन गडकरी ने यहां नेशनल कोजेनरेशन अवार्ड्स कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा,“जहां हमारी 65-70 फीसदी आबादी कृषि पर निर्भर है, वहीं हमारी कृषि विकास दर 12-13 फीसदी ही है। गन्ना उद्योग और किसान हमारे उद्योग के लिए विकास का इंजन हैं।”
उन्होंने कहा,“अगला कदम चीनी से राजस्व बढ़ाने के लिए सह-उत्पादन होना चाहिए। उद्योग को कम चीनी का उत्पादन करना चाहिए और उससे संबंधित उत्पादों का उत्पादन अधिक करना चाहिए, भविष्य की प्रौद्योगिकियों को ध्यान में रखते हुए इसे अपनाना चाहिए और ज्ञान को धन में बदलने के लिए नेतृत्व की शक्ति का उपयोग करना चाहिए।”
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इससे किसान न केवल खाद्य उत्पादक बल्कि ऊर्जा उत्पादक भी बन सकेंगे। उन्होंने कहा, “इस वर्ष हमारी आवश्यकता 280 लाख टन चीनी की थी जबकि उत्पादन 360 लाख टन से अधिक हुआ। इसका उपयोग ब्राजील में उपजी स्थिति के लिए किया जा सकता है। हमें उत्पादन को हालांकि इथेनॉल की दृष्टि से देखने की जरुरत क्योंकि हमें इथेनॉल की आवश्यकता बहुत अधिक है।”
उन्होंने कहा, “पिछले साल की क्षमता 400 करोड़ लीटर इथेनॉल थी। हमने इथेनॉल उत्पादन बढ़ाने के लिए कई पहल की हैं। अब समय आ गया है कि उद्योग बायोएथेनॉल द्वारा संचालित बिजली जनरेटर जैसी तकनीकों का उपयोग करके इथेनॉल की मांग की योजना बना सके।”
नितिन गडकरी ने कहा हालांकि चीनी उद्योग कई समस्याओं का सामना कर रहा है। उन्होंने कहा कि बिजली खरीद दरों को युक्तिसंगत बनाने की जरूरत है। उन्होंने कहा, “कुछ राज्य केंद्र सरकार की नीति के अनुसार दरें नहीं दे रहे हैं, यही एक कारण है कि गन्ना उद्योग आर्थिक रूप से व्यवहार्य नहीं है।” उन्होंने उद्योग को उचित मंचों पर इस मामले को उठाने की भी अपील की।