पटना, गोवर्धन पूजा पर गोवर्धन पर्वत और भगवान श्री कृष्ण की पूजा की जाती है। गोवर्धन पूजा को अन्नकूट पूजा भी कहा जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को यह पूजा करने से व्यक्ति पर भगवान श्री कृष्ण की कृपा सदैव बनी रहती है। इस दिन भगवान कृष्ण को 56 भोग के प्रसाद चढ़ाए जाते हैं।
गोवर्धन पूजा के दिन घर में किसी जगह ज्यादातर आंगन में गोबर से गोवर्धन पर्वत, गायों और ग्वालों की आकृति बनाकर पूजा-अर्चना की जाती है। साथ ही परिक्रमा कर छप्पन भोग का प्रसाद बांटा जाता है। इस दिन अन्नकूट बनाने का भी खास महत्व है, इसलिए इसे ‘अन्नकूट पूजा’ भी कहा जाता है। इस दिन भगवान श्री कृष्ण ने इंद्र का अभिमान चूर कर बृजवासियों की रक्षा की थी, इसलिए इस दिन भगवान श्री कृष्ण की पूजा का भी विशेष महत्व है।
गोवर्धन पूजा पर गोवर्धन पर्वत और भगवान श्री कृष्ण की पूजा की जाती है। इस दिन मंदिरों में श्रद्धालु भगवान श्री कृष्ण की पूजा करते हैं और गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा करने से विशेष फल प्राप्त होता है। लोग घरों में गोबर से गोवर्धन पर्वत बनाकर जल, मौली, रोली, चावल, फूल, दही और दीप जलाकर पूजा अर्चना करते हैं। गोवर्धन पूजा के दिन गायों की पूजा भी की जाती है। फिर गायों को मिठाई खिलाकर उनकी आरती उतारकर प्रदक्षिणा की जाती है।