शिमला, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में पार्टी का घोषणापत्र जारी कर अन्य दलों से बाजी मार ली।
माकपा के बाद कल भाजपा और पांच नवंबर को कांग्रेस का घोषणा पत्र जारी होगा। माकपा ने अपने घोषणा पत्र में हिमाचल प्रदेश को पुनः विशेष राज्य का दर्जा दिलाकर विशेष आर्थिक पैकेज को बहाल करना, चंडीगढ़ से राज्य का 7.19 फीसदी हिस्सा लेना, प्रदेश के जंगलों की रक्षा के लिए केंद्र से 1000 करोड़ रुपये का मुआवजा लेना, बिजली उत्पादन में 10 फीसदी प्रति यूनिट के हिसाब से रॉयल्टी दिलवाना, प्रदेश की नदियों के पानी को संसाधन के रूप में विकसित करने के लिए विशेष ग्रांट लेना, सीमेंट और दूसरे उद्योगों पर निर्यात शुल्क लगाना, पर्यटक स्थलों को विकसित करना, हर रोजगार के साथ सामाजिक सुरक्षा को शामिल करने जैसी घोषणाएं की हैं।
पार्टी के राज्य सचिव डॉ ओंकार शाद ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में ओपीएस की बहाली, गैर सरकारी कर्मियों को ईपीएफ, ईएसआई, मेडिकल और पेंशन की सुविधा दिलवाना, मजदूरों के लिए न्यूनतम वेतन 26000 करवाना, सरकारी विभागों में नियमित भर्तियां, बेरोजगारों को प्रतिमाह तीन हजार रुपये बेरोजगारी भत्ता देने, आंगनबाड़ी, आशा वर्कर और मिड डे मिल के लिए स्थायी नीति बनाने सहित कृषि बागबानी, शिक्षा, स्वास्थ्य, महिलाओं आदि के लिए काम करने की घोषणा की है।
उल्लेखनीय है कि माकपा हिमाचल में 11 सीटों पर जबकि एक सीट पर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी चुनाव लड़ रही है।