चेन्नई, श्रीहरिकोटा के स्पेसपोर्ट से शुक्रवार को अंतरिक्ष में छोड़े जाने वाले भारत के पहले निजी रॉकेट मिशन विक्रम-एस ‘प्रारंभ ’ के प्रक्षेपण के तीन घंटे पहले उलटी गिनती शुरु होगी।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने गुरुवार को यह जानकारी दी।
इसरो के सूत्रों ने कहा कि छह मीटर लंबा यह रॉकेट 1130 बजे शार रेंज ,सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से प्रक्षेपित किया जायेगा और भारोत्तोलन के साथ 545 किग्रा और तीन पेलोड लेकर जायेगा। इसके लिए उलटी गिनती कल 0830 बजे शुरू होगी। सूत्रों ने बताया कि विक्रम- एस एक छोटा रॉकेट है लिहाजा गिनती का समय भी कम रखा गया है।
उन्होंने बताया कि चूंकि यह एकल चरण रॉकेट ठोस ईंधन द्वारा संचालित है इसलिए भी इसकी उलटी गिनती के समय में कटौती हुयी है। उपर उठने के लगभग 25 सेकंड बाद,17.9 किमी की ऊंचाई पर इंजन जलना बंद हो जाएगा और पेलोड को 81.5 किमी ऊंचाई पर छोड़ा जाएगा। ये पेलोड स्पेस किड्ज इंडिया, बाज़ूमक अर्मेनिया और एन-स्पेस टेक इंडिया के हैं। इसकी कुल उड़ान अवधि केवल 300 सेकंड की होगी। रॉकेट 101 किमी की अधिकतम ऊंचाई तक जायेगा और उसके बाद समुद्र में बिखर जायेगा। यह समग्र उड़ान अवधि केवल 300 सेकंड तक चलेगी।
देश का पहला निजी रॉकेट विक्रम-एस, जिसका नाम ‘प्रारंभ’ (एक नई शुरुआत) है, निजी क्षेत्र के रॉकेट निर्माता और अग्रणी स्पेसटेक स्टार्टअप, हैदराबाद स्थित स्काईरूट एयरोस्पेस-भारत द्वारा विकसित किया गया है।
स्काईरूट एयरोस्पेस ने कहा कि विक्रम-एस सिंगल-स्टेज सब-ऑर्बिटल लॉन्च है वाहन जो तीन ग्राहक पेलोड ले जाएगा और अंतरिक्ष की विक्रम श्रृंखला के लांच वाहनो की तकनीकों और प्रौद्योगिकी क्षमताओं के परीक्षण में मदद करेगा।
स्काईरूट एयरोस्पेस, दो बार राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता, संयोग से इस संबंध में इसरो के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने वाला पहला भारतीय स्टार्टअप है।