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सरकार की नीतियों से पूर्वोत्तर क्षेत्र का सर्वांगीण विकास हुआ: राजनाथ सिंह

नयी दिल्ली, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि पूर्वोत्तर में सरकार की विकास नीतियों ने ‘लुक ईस्ट पॉलिसी’ को ‘एक्ट ईस्ट पॉलिसी’ में बदल दिया है जिससे क्षेत्र में सर्वांगीण विकास हुआ है और सभी राज्य दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के साथ व्यापार को बढ़ा सकते हैं।

राजनाथ सिंह सोमवार को गुवाहाटी में सेना और असम, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, त्रिपुरा, मिजोरम, मणिपुर तथा नागालैंड राज्य सरकारों के साथ-साथ पूर्वोत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक परिषद द्वारा आयोजित ‘राष्ट्र निर्माण में भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र (एनईआर) के योगदान का कीर्तिगान’ विषय पर दो दिवसीय सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।

रक्षा मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री गति शक्ति मास्टर प्लान से पूर्वोत्तर क्षेत्र में संरचनात्मक सुविधाओं के विकास में तेजी आएगी। उन्होंने कहा, ‘चाहे सड़क निर्माण हो, रेलवे का विस्तार हो या जलमार्गों में सुधार हो, प्रधानमंत्री गति शक्ति के माध्यम से हम विकास की गति को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं । ऊर्जा के क्षेत्र में भी हमने काफी प्रगति की है। भारत में दूरसंचार क्रां का उल्लेख करते हुए रक्षा मंत्री ने पूर्वोत्तर राज्यों के हर नुक्कड़ और कोने में सूचना प्रौद्योगिकी और दूरसंचार सुविधाओं का विस्तार करने का आश्वासन दिया। रक्षा मंत्री ने कहा, “इससे आर्थिक विकास, सुशासन और जन कल्याण सुनिश्चित होगा। मुझे पूरा विश्वास है कि पूर्वोत्तर की युवा पीढ़ी के मेहनती स्वभाव और ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के लिए सरकार द्वारा दी गई सुविधाओं के कारण पूर्वोत्तर क्षेत्र सुनहरे भविष्य की ओर अग्रसर है।”

रक्षा मंत्री ने कहा कि साहसिक नीतिगत सुधारों, विश्वस्तरीय संरचना और शीर्ष स्तर की प्रतिभाओं से ही ’नए भारत ’ की अवधारणा को संभव किया जा सकता है। उन्होंने कहा, ‘स्वास्थ्य, शिक्षा, पर्यावरण, खेल, ग्रामीण विकास, रोजगार और लघु उद्योगों के माध्यम से हम पूर्वोत्तर के प्रत्येक नागरिक के विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमारी सरकार के आदर्श वाक्य ‘सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास’ में पूर्वोत्तर के लोगों के प्रयासों की अति महत्वपूर्ण भूमिका है।”

पूर्वोत्तर क्षेत्र के कई वीर योद्धाओं और वीरांगनाओं की वीरता एवं बहादुरी को नमन करते हुए, रक्षा मंत्री ने मुगलों के विरूद्ध सरायघाट की लड़ाई में महान कमांडर लचित बोरफुकन द्वारा अहोम सेना का नेतृत्व करने को याद किया।

सम्मेलन में असम, मणिपुर और मेघालय के मुख्यमंत्री, पूर्वी कमान के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल राणा प्रताप कलिता और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।