लखनऊ, राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) की महानगर व जिला इकाई ने सूबे के किसानों, नौजवानों एवं मजदूरों के प्रति सपा सरकार की उदासीनता के विरोध में शनिवार को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा के समक्ष धरना-प्रदर्शन किया।
पार्टी प्रवक्ता सुरेन्द्रनाथ त्रिवेदी ने बताया कि जिला अध्यक्ष अनिल कुमार सिंह के नेतृत्व में रालोद महानगर और जिला ईकाई ने यहां राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा के समक्ष धरना-प्रदर्शन किया। धरने में विभिन्न वक्ताओं ने अखिलेश यादव सरकार की नीतियों और किसान एवं नौजवान विरोधी कार्यशैली पर आक्रोश जताया है। धरने में प्रदेश अध्यक्ष डाॅ. मसूद अहमद ने कहा कि प्रदेश सरकार ने गन्ना किसानों को बकाये पर मिलने वाले ब्याज को मिल मालिकों के पक्ष में माफ करना सरकार की किसान विरोधी और उद्योगपति प्रेमी नीति का परिचायक है।
उन्होंने कहा कि नौजवान बेकारी का मारा हुआ दर-दर भटक रहा है, जबकि प्रदेश में लाखों नौकरियों के पद रिक्त है। सरकार ने सम्पूर्ण कार्यकाल में नौकरी का लालच देकर लुभावने सपने दिखाये है लेकिन अभी तक कुछ नहीं किया। रालोद नेताओं ने राज्यपाल को सम्बोधित छह सूत्रीय मांगों का ज्ञापन जिलाधिकारी को दिया। इस ज्ञापन में मांग की गई है कि सूबे के गन्ना किसानों के गन्ने बकाये का भुगतान तुरन्त किया जाए, गन्ना किसानों को बकाये पर मिलने वाले ब्याज की रकम मिल मालिकों के पक्ष में माफ करने के निर्णय पर पुनः विचार किया जाए, प्रदेश के नौजवानों के लिए अधिकाधिक सरकारी नौकरियों का प्राविधान किया जाए, संविदा कर्मचारियों की नियुक्ति प्रथा को समाप्त करके नियमित नियुक्तियां की जाए, संविदा कर्मचारियों को रेगुलर कर्मचारी किया जाय तथा सरकारी योजनाओं में अधिक से अधिक मजदूरों को समाहित किया जाय तथा मजदूरी की राशि बढ़ाई जाये।