लखनऊ, शहर मेरठ में स्वच्छता जागरूकता अभियान “गंदगी से आजादी” चल रहा है। जिसमें जनसामान्य को अपने घर के साथ साथ सार्वजनिक स्थानों पर भी साफ सफाई रखने की बात बताई जा रही है।
स्वच्छ भारत मिशन, नगरीय द्वारा संचालित “गंदगी से आजादी” अभियान के स्वच्छता जागरूकता कार्यक्रम में लोक कला के माध्यम से बताया गया कि कूड़ा हमेशा कूड़ेदान में ही डालें। सूखे और गीले कूड़े को अलग-अलग इकट्ठा करना जरूरी है। इसलिये गीले और सूखे कूड़े-कचरे को अलग-अलग कूड़ेदान में ही डालें। गीला कचरा रखने के लिए हरा कूड़ेदान और सूखे कूड़ा रखने के लिए नीले रंग का कूड़ेदान प्रयोग करें।
उन्होने आगे बताया कि प्लास्टिक, कांच, पन्नी , प्लास्टिक कवर बाेतलें, चिप्स टॉफी के रेपर , दूध दही के पैकेट और पॉलिथीन पैकेट, गत्ते के बॉक्स, कागज के बर्तन , पेपर कप और प्लेट आदि। धातु के कैन , रबर, थर्माकॉल, प्रसाधन सामग्रियां और बाल आदि सूखे कूड़े में आता है । जिसे हम नीले डस्टबिन में डालतें हैं।
वहीं, रसोई का कचरा जैसे बचा हुआ भोजन, सब्जी, फल के छिलके, उबली चाय की पत्ती, चाय कॉफी के बैग, अंडे के छिलके, चिकन अवशेष हड्डियां, सडे फल- सब्जियां, गंदा टिशू पेपर, पत्ते के प्लेट्स, पूजा सामग्री ,फूल राख आदि गीले कूड़े में आता है। जिसे हम नीले डस्टबिन में डालतें हैं।