लखनऊ, कैसे मिलेगी गंदगी से आजादी? ये जानकारी आज नगर निगम लखनऊ में स्वच्छ भारत मिशन, नगरीय के तहत, स्वच्छता के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए “गंदगी से आजादी” अभियान के अंतर्गत दी गई है। अभियान के अंतर्गत आज वार्ड त्रिवेणी नगर वार्ड नंबर 72 में स्वच्छता जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम मे बताया गया कि पहला काम ये करें कि अपना कूड़ा हमेशा कूड़ेदान में ही डालें । इसीके साथ -साथ कूड़े को अलग अलग करना भी बहुत जरूरी है।इसलिये गीले और सूखे कूड़े-कचरे को अलग-अलग कूड़ेदान में ही डालें। गीला कचरा रखने के लिए हरा कूड़ेदान और सूखे कूड़ा रखने के लिए नीले रंग का कूड़ेदान प्रयोग करें।
कार्यक्रम में नाटक के द्वारा बताया कि सूखा कूड़ा क्या है और गीला कूड़ा क्या है ? दोनों में क्या अंतर है? उन्होने आगे बताया कि प्लास्टिक, कांच, पन्नी , प्लास्टिक कवर बाेतलें, चिप्स टॉफी के रेपर , दूध दही के पैकेट और पॉलिथीन पैकेट, गत्ते के बॉक्स, कागज के बर्तन , पेपर कप और प्लेट आदि। धातु के कैन , रबर, थर्माकॉल, प्रसाधन सामग्रियां और बाल आदि सूखे कूड़े में आता है । जिसे हम नीले डस्टबिन में डालतें हैं।
वहीं, रसाेई का कचरा जैसे बचा हुआ भोजन, सब्जी, फल के छिलके, उबली चाय की पत्ती, चाय कॉफी के बैग, अंडे के छिलके, चिकन अवशेष हड्डियां, सडे फल- सब्जियां, गंदा टिशू पेपर, पत्ते के प्लेट्स, पूजा सामग्री ,फूल राख आदि गीले कूड़े में आता है। जिसे हम नीले डस्टबिन में डालतें हैं।