लखनऊ, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य पक्षी सारस और राज्य पशु बारहसिंघा के संरक्षण के लिये कार्ययोजना बनाने के निर्देश अधिकारियों को दिये हैं।
मुख्यमंत्री योगी की अध्यक्षता में मंगलवार को उत्तर प्रदेश राज्य वन्य जीव बोर्ड की 14वीं बैठक में जैव विविधता को संरक्षित करने और इको पर्यटन की संभावनाओं को विस्तार देने समेत अनेक महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा हुयी।
उन्होने कहा कि कुकरैल नाइट सफारी, लखनऊ और रानीपुर टाइगर रिजर्व, चित्रकूट के विकास कार्यों को तेजी से आगे बढ़ाया जाए। इस संबंध में वन्य जीव विभाग, नगर विकास, पीडब्ल्यूडी और आवास विभाग मिलकर अच्छी कार्ययोजना तैयार करें। यह दोनों परियोजनाएं प्रदेश की प्राकृतिक सुषमा और जैव विविधता को नई पहचान देने वाले होंगी। प्रकृति प्रेमियों के लिए यह दोनों नवीन स्थल एक उपहार होंगे। इस संबंध में प्राथमिकता के साथ कार्यवाही की जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नियोजित प्रयासों से प्रदेश में बाघों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है। वर्ष 2014 में कुल 117 बाघ प्रदेश में थे जो 2018 में बढ़कर 173 हो गए हैं। विगत दिनों जारी रिपोर्ट में शिवालिक एंड गंगा प्लेन लैंडस्केप में 804 बाघों के होने की पुष्टि हुई है। यह सुखद संकेत है। जैव विविधता के संरक्षण की दिशा में हमें अपने प्रयास सतत जारी रखना चाहिए।
उन्होने कहा कि यह सुखद है कि नमामि गंगे परियोजना के माध्यम से अवरिल और निर्मल हो रहीं गंगा नदी में डॉल्फिन की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। इसी प्रकार हमें प्रदेश के राज्य पशु ‘बारहसिंघा’ और राज्य पक्षी ‘सारस’ के संरक्षण के लिए नियोजित प्रयास करने होंगे। इस संबंध में कार्ययोजना तैयार कर प्रस्तुत की जाए।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि राज्य वन्य जीव बोर्ड के सदस्यों द्वारा इस क्षेत्र के विशेषज्ञों द्वारा वन्य जीव क्षेत्रों और इको टूरिज्म साइट का भ्रमण किया जाना चाहिए, ताकि नेचर टूरिज्म की संभावनाओं को आकार दिया जा सके। वन और पर्यटन विभाग परस्पर समन्वय के साथ इको टूरिज्म के विकास के लिए समन्वित नीति तैयार करे।
उन्होने कहा कि हाल के दिनों में मानव-वन्य जीव संघर्ष की घटनाओं में बढ़ोतरी होती हुई देखी जा रही है। बीते दो वर्षों में 28 तेंदुआ, 05 तेंदुआ शावक और छह बाघों को सफलतापूर्वक रेस्क्यू किया गया। वन्य जीवों के रेस्क्यू में संवेदनशीलता के साथ मानकों का पूरा ध्यान रखा जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वेटलैंड संरक्षण और पर्यटन को बढ़ावा देने के प्रयासों के अच्छे परिणाम मिले हैं। प्राकृतिक सुषमा से परिपूर्ण अब तक प्रदेश में 10 रामसर साइट घोषित किए गए हैं। इनमें, अपर गंगा रिवर, बुलन्दशहर, सरसई नावर झील, इटावा, नवाबगंज पक्षी विहार, उन्नाव, साण्डी पक्षी विहार, हरदोई, समसपुर पक्षी विहार, रायबरेली, पार्वतीअरगा पक्षी विहार, गोंडा, समान पक्षी विहार मैनपुरी, सूरसरोवर पक्षी विहार, आगरा, बखिरा पक्षी विहार, संतकबीरनगर तथा हैदरपुर वेटलैंड, मुजफ्फरनगर शामिल हैं। वेटलैंड संरक्षण के जागरूकता बढ़ाई जाए। यहां पर्यटन सुविधाओं का विकास किया जाए।