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भारत- यूरोपीय संघ के बीच नागर विमानन क्षेत्र में बढ़ेगा सहयोग

नयी दिल्ली, केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने यूरोपीय संघ का भारत के विमानन क्षेत्र में अवसरों का लाभ उठाने का गुरुवार को आह्वान किया।

ज्योतिरादित्य सिंधिया ने आज यहां दो दिवसीय यूरोपीय संघ-भारत विमानन शिखर सम्मेलन के उद्घाटन समारोह को वीडियो लिंक के जरिए संबोधित करते हुए यह आह्वान किया। शिखर सम्मेलन के दौरान, भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण और यूरोकंट्रोल ने आपसी सहयोग के एक आशय पत्र पर हस्ताक्षर किए तथा नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने निकट सहयोग के लिए यूरोपीय संघ विमानन सुरक्षा के साथ एक समझौता-पत्र पर हस्ताक्षर किए।

यह शिखर सम्मेलन, यूरोपीय संघ-भारत हवाई परिवहन संबंधों और दोनों क्षेत्रों की साझा चुनौतियों और अवसरों पर केंद्रित है, जैसे हवाई यातायात की कोविड के बाद रिकवरी, बढ़ता सतत विकास, सुरक्षा बनाए रखना और मानव रहित विमान प्रणालियों का विकास।

ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा, ”भारत और यूरोपीय संघ (ईयू) ने प्रगाढ़ ऐतिहासिक संबंध साझा किए हैं, जो विमानन उद्योग के सहयोग से मजबूत भौतिक, डिजिटल और लोगों के आपसी संपर्क के कारण आज भी बढ़ रहे हैं।’’

उन्होंने कहा किप्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में सरकार ने देश में विमान निर्माण को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए हैं। हमने एमआरओ के लिए स्थितियों को यथासंभव अनुकूल बनाने के क्रम में नियामक वातावरण में सुधार किया है – एमआरओ सेवाओं पर जीएसटी दरों को 18 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत कर दिया गया है और इस क्षेत्र में शत प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की अनुमति दी गयी है। कारोबार में आसानी के लिए एमआरओ सेवा प्रदाताओं पर लगने वाले शुल्कों को युक्तिसंगत बनाने के क्रम में नए एमआरओ दिशानिर्देश भी जारी किए गए हैं।

उन्होंने कहा, ”मैं यूरोपीय संघ के उद्योगपतियों से इन अवसरों का लाभ उठाने और दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ते विमानन बाजार का हिस्सा बनने का आग्रह करता हूँ।”

श्री सिंधिया ने यूरोपीय संघ की कंपनियों को अनुकूल प्रौद्योगिकियों के विकास में भारत के साथ साझेदारी करने और विमानन उद्योग के उत्सर्जन से निपटने के उद्देश्य का समर्थन करने के लिए आमंत्रित किया।

उन्होंने कहा, “हम 2024 तक शत प्रतिशत हरित ऊर्जा का उपयोग करने और 2030 तक नेट-जीरो का लक्ष्य हासिल करने के लिए हवाई अड्डों को प्रोत्साहित कर रहे हैं। 25 एएआई हवाई अड्डे पहले से ही शत प्रतिशत हरित ऊर्जा का उपयोग कर रहे हैं। हमारा लक्ष्य 2025 तक अन्य 121 हवाईअड्डों को कार्बन न्यूट्रल बनाना है। हमने आगामी हवाई अड्डों के लिए बोली दस्तावेजों के हिस्से के रूप में नवीकरणीय ऊर्जा के उपयोग को भी अनिवार्य कर दिया है; हम सतत विमानन ईंधन के उपयोग को प्रोत्साहित करने की दिशा में भी काम कर रहे हैं। भारतीय एयरलाइन संचालकों ने पहले ही एटीएफ में जैव-ईंधन के मिश्रण का उपयोग करके प्रदर्शन उड़ानें परिसंचालित की हैं।’’

यूरोपीय संघ की परिवहन आयुक्त सुश्री एडिना वैलेन ने भी शिखर सम्मेलन को वर्चुअल माध्यम से संबोधित करते हुए कहा, “वाणिज्यिक अवसरों से लेकर विमानन संरक्षा और सुरक्षा, स्थायित्व, हवाई यातायात प्रबंधन या उपभोक्ता संरक्षण, हमारे साझा अनुभव तथा हमारे साझा उद्देश्य, हमें स्वाभाविक भागीदार बनाते हैं।”

उन्होंने आगे कहा, “हमारा पहले से ही कई क्षेत्रों में साझेदारी और सहयोग का एक सफल इतिहास रहा है। मैं वास्तव में उम्मीद करती हूं कि विमानन हमारी सबसे सफल साझेदारियों में से एक बनेगी।”

स्वीडन के अवसंरचना और आवास मंत्री श्री एंड्रियास कार्लसन ने शिखर सम्मेलन को संबोधित किया। उन्होंने कहा, “भारत और यूरोपीय संघ के बीच द्विपक्षीय संबंधों का हमारा पुराना इतिहास रहा है। मुझे यकीन है कि यूरोपीय संघ और भारत के बीच और भी मजबूत सहयोग के साथ हमारा एक उज्ज्वल भविष्य है।”

नागरिक उड्डयन मंत्रालय के सचिव राजीव बंसल ने अपने संबोधन में कहा, “ऐसे कई मोर्चे हैं, जिन पर भारत और यूरोपीय संघ सहयोग करते हैं और यह शिखर सम्मेलन उस यात्रा की शुरुआत का प्रतीक है।” उन्होंने कहा कि भारतीय विमानन क्षेत्र तेजी से बढ़ रहा है और हम नवाचार पर नए सिरे से ध्यान देने के साथ बेहतर अवसंरचना तथा बेहतर कनेक्टिविटी के लिए अपनी तैयारी कर रहे हैं।