लखनऊ, उत्तर प्रदेश पुलिस मे हर साल शहीदों का आंकड़ा बढ़ रहा है। शहीदों की संख्या में पिछले साल की अपेक्षा इस साल बढ़ोत्तरी हुई है। पिछले साल देश भर में 434 पुलिस अफसर ड्यूटी के दौरान शहीद हुए थे इनमें यूपी के 108 जवान थे। जबकि यह संख्या इस साल 479 पहुंच गई है। इस साल भी सबसे ज्यादा 116 जवान उत्तर प्रदेश के हैं।
उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा रिजर्व पुलिस लाइन लखनऊ में स्मृति दिवस परेड का आयोजन किया गया। स्मृति दिवस में मुख्य अतिथि के रूप में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने परेड की सलामी ली।
अखिलेश यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा अत्यन्त विषम परिस्थितियों में भी कानून-व्यवस्था सुदृढ़ रखने तथा साम्प्रदायिक सौहार्द बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी गई है। इससे आम जनता में सुरक्षा की भावना मजबूत हुई है एवं पुलिस के प्रति विश्वास बढ़ा है। प्रदेश पुलिस अपराध नियंत्रण एवं शांति व्यवस्था बनाए रखने हेतु प्रतिबद्ध है तथा त्वरित सक्रियता से रिस्पांन्स टाइम को कम करके न्यूनतम समय में आम जनता को सहायता पहुंचाने की ओर अग्रसर है। इससे पहले कार्यक्रम स्थल पहुंचने के उपरान्त मुख्यमंत्री ने शहीदों की स्मृति में निर्मित स्मारक पर पुष्पचक्र चढ़ाने के बाद उन्हें नमन भी किया। इसके बाद उन्होंने शहीदों के परिजनों से मुलाकात कर उन्हें ढांढ़स बंधाया और सम्मानित भी किया।
मुख्यमंत्री अखिलेश ने परेड की सलामी लेने के बाद यूपी पुलिस के 116 शहीदों को श्रद्धांजलि दी, कार्यक्रम में सीएम को शहीद पुस्तिका भेंट की गई। सीएम अखिलेश यादव ने पुलिस स्मृति दिवस परेड समारोह में कहा कि हम शहीदों के परिवार की हर मुश्किलों में उनके साथ हैं। पहले सरकार शहीदों की 20 लाख से मदद करती थी अब 5 लाख रुपये उनके मां बाप को दिए जाएंगे। उन्होंने 7 शहीदों के परिजनों से मुलाकात भी की। मालूम हो कि स्मृति दिवस से एक दिन पहले ही सीएम ने 436 सब इंस्पेक्टर को प्रमोशन देकर इंस्पेक्टर बनाने का निर्देश जारी कर बड़ी सौगात दे डाली है।
कार्यक्रम में प्रमुख सचिव गृह देवाशीष पांडा, राजेंद्र चौधरी, रविदास मेहरोत्रा, अहमद हसन, डीजीपी जावीद अहमद, एडीजी (एलो) दलजीत सिंह चौधरी, आईजी जोन लखनऊ ए सतीश गणेश, डीआईजी रेंज लखनऊ आरकेएस राठौर, एसएसपी मंजिल सैनी, सहित प्रदेश भर के पुलिस अधिकारी और कर्मचारियों के साथ शहीद हुए पुलिस जवानों के परिजन मौजूद रहे।