लखनऊ, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव तीन नवंबर से अपनी विकास योजनाओं को लेकर रथयात्रा पर निकल रहे हैं। इस बार उन्होंने इस यात्रा को विकास से विजय की ओर नाम दिया है। अखिलेश यादव की युवा टीम रथ यात्रा के जरिए पहले दिन मेगा शो करने की तैयारी में है। इसे अखिलेश समर्थकों के लिए ताकत दिखाने का पहला बड़ा मौका माना जा रहा है। पार्टी और परिवार में मची कलह के बीच देखने वाली बात यह है कि सीएम की इस रथयात्रा को सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव, वरिष्ठ मंत्री आजम खां आदि बड़े नेता हरी झंडी दिखा कर रवाना करते हैं या सीएम अकेले ही रथ पर सवार होकर निकलेंगे।
सूत्रों के मुताबिक यह रथयात्रा आगरा लखनऊ एक्सप्रेस वे के रास्ते गुजरेगी। मुख्यमंत्री के साथ उनके हजारों समर्थक अपने-अपने वाहनों में इस रथयात्रा में साथ रहेंगे। अखिलेश का यह काफिला लखनऊ से चल कर इटावा तक जाएगा। बीच में बीच में वह जनसभा भी कर सकते हैं। ट्रस्ट के सदस्य व प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री राजेंद्र चौधरी का कहना है कि रथयात्रा के रूट को अंतिम रूप दिया जा रहा है। यात्रा कई चरणों में पूरे प्रदेश का दौरा करेगी। मुख्यमंत्री अपनी सुविधा के हिसाब से सरकारी काम निपटाने के लिए बीच-बीच में विराम भी लेंगे। खास बात यह है कि रिकार्ड समय में लगभग तैयार हुए इस एक्सप्रेस वे का सीएम को उसी रोज ट्रायल भी करना है। इस एक्सप्रेस पर अखिलेश खुद चल कर सुनिश्चित करेंगे कि इसमें कोई कमी तो नहीं रह गई है। इसके कुछ दिन बाद मुख्यमंत्री बकायदा इस एक्सप्रेस वे का लोकार्पण कर यहां से आगरा तक जाएंगे। पार्टी के एक विधान परिषद सदस्य ने कहा कि अखिलेश यादव की रथयात्रा की तैयारी जोरशोर से चल रही है। यह ऐतिहासिक होगी। पहली बार विरोधियों को इस बात का अहसास कराया जाएगा कि मुख्यमंत्री अखिलेश की संगठन में भी पकड़ बनी हुई है। इधर शिवपाल यादव ने हालांकि स्पष्ट तौर पर कहा है कि अखिलेश यादव की रथयात्रा को पूरी पार्टी का समर्थन मिलेगा। इसमें सभी लोग पूरी ताकत के साथ जुटेंगे।