नैनीताल, पर्यटक नगरी नैनीताल में पर्यटन सीजन में जाम एक प्रमुख समस्या है। उच्च न्यायालय को भी इस मामले में संज्ञान लेना पड़ा। अदालत ने बुधवार को कहा कि इस समस्या पर जल्द काबू नहीं पाया गया तो नैनीताल को जोशीमठ बनने में देर नहीं लगेगी।
शहर में पर्यटकों की उमड़ रही भीड़ के चलते भीषण जाम की समस्या खड़ी हो गयी है। पर्यटक और आम लोग जाम से परेशान हैं। उच्च न्यायालय ने बुधवार को इस मामले में स्वतः संज्ञान लिया है। इस मामले में दायर जनहित याचिका पर मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी व न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की युगलपीठ में सुनवाई हुई।
सरकार की ओर से मुख्य स्थायी अधिवक्ता चंद्रशेखर रावत ने पक्ष रखा। उन्होंने अदालत को बताया कि सरकार व प्रशासन इस मामले में गंभीर है। शहर से बाहर वाहनों के लिये अस्थायी पार्किंग बनायी गयी है। अदालत इससे संतुष्ट नजर नहीं आयी।
अदालत की ओर से वादी व पक्षकारों से भी सुझाव मांगे गये। मल्टी स्टोरी पार्किंग, रोप-वे, हेली सेवा शुरू करने के साथ ही फेरी को लेकर सुझाव आये लेकिन किसी पर सहमति नहीं बनी। न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल ने हेली सेवा शुरू करने पर जोर दिया।
उन्होंने सीएससी से इस मामले में सरकार से बात कर स्थिति स्पष्ट करने को कहा। अदालत के संज्ञान में आया कि काठगोदाम से हनुमानगढ़ तक रोप-वे के लिये परियोजना विचाराधीन है। केन्द्र सरकार की ओर से एनएचएआई को जिम्मेदारी सौंपी गयी है लेकिन यह मामला उच्च न्यायालय में लंबित है।
इसके बाद अदालत ने सुनवाई टाल दी और गुरुवार को रोप-वे के मामले को भी अदालत के संज्ञान में लाने को कहा है। अब जाम के मामले में कल गुरुवार को भी अदालत में सुनवाई होगी।