धामी सरकार को झटका, आयुर्वेद विवि के कुलपति की नियुक्ति अवैध घोषित

नैनीताल, उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने प्रदेश सरकार को झटका देते हुए आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय के कुलपति सुनील कुमार जोशी की नियुक्ति को अवैध घोषित कर दिया है।

मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी व न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की युगलपीठ ने विगत 15 जून को इस मामले में निर्णय सुरक्षित रख लिया था। हरिद्वार निवासी विनोद कुमार चौहान की ओर से श्री जोशी की नियुक्ति को वर्ष 2021 में एक याचिका के माध्यम से चुनौती दी गयी थी।

याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि श्री जोशी की नियुक्ति अवैध है व विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के मानकों के विपरीत है। नियमानुसार कुलपति पद के लिये 10 साल का प्रोफेसर पद का अनुभव जरूरी है लेकिन श्री जोशी के पास आवश्यक योग्यता नहीं है। उनके पास मात्र पांच साल का अनुभव मौजूद है।

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता पीके चौहान ने बताया कि बुधवार को निर्णय जारी करते हुए पीठ ने श्री जोशी की नियुक्ति को अवैध घोषित कर दी है।

गौरतलब है कि इससे पहले उच्च न्यायालय अल्मोड़ा के सोबन सिंह जीना विवि के कुलपति एनएस भंडारी की नियुक्ति को भी इसी आधार पर अवैध घोषित करने के साथ ही रद्द कर चुका है।

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