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शंघाई सहयोग संगठन के साथ बहुआयामी सहयोग को भारत तत्पर: अनुप्रिया पटेल

नयी दिल्ली, शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सदस्य देशों व्यापार और वित्त मंत्रियों की इस सप्ताह हुई बैठक में भारत ने कहा कि वह सदस्य देशों के साथ घनिष्ठ संबंध बनाने और ‘बहुआयामी सहयोग’ को बढ़ावा देने के लिए तत्पर है।

किर्गिस्तान की अध्यक्षता में बिश्केक में 27 सितंबर को हुई इस बैठक में भारत की ओर से वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने वर्चुअल (वीडियो कांफ्रेंसिंग माध्यम) माध्यम से भाग लिया। उन्होंने एससीओ के सदस्य देशों को पारंपरिक चिकित्सा पर विशेषज्ञ कार्य समूह की पहली बैठक में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया, जो नवंबर में गुजरात के जामनगर में विश्व स्वास्थ्य संगठन के वैश्विक पारंपरिक चिकित्सा केंद्र में आयोजित होगी।

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की ओर से शुक्रवार को जारी विज्ञप्ति के अनुसार एससीओ मंत्रियों ने सदस्य देशों के बीच व्यापार और आर्थिक सहयोग को मजबूत करने की संभावनाएं और उपाय विषय पर अपने दृष्टिकोण साझा किए।

विज्ञप्ति के अनुसार श्रीमती पटेल ने कहा कि भारत सदस्य देशों के साथ घनिष्ठ संबंध बनाने और सहयोग को बढ़ावा देने के लिए तत्पर है। उन्होंने कहा कि भारत ने गत जुलाई में एससीओ के अध्यक्ष के रूप में अपने कार्यकाल को सफलतापूर्वक सम्पन्न किया । इस दौरान सहयोग के पांच नए स्तंभ और प्रमुख क्षेत्र तय किए गए जिनमें – स्टार्टअप और नवाचार, पारंपरिक चिकित्सा, डिजिटल समावेशन, युवा सशक्तिकरण और साझा बौद्ध विरासत शामिल है।

श्रीमती पटेल ने कहा, “यह दर्शाता है कि भारत ‘बहुआयामी सहयोग’ के लिए प्रयासरत है।” उन्होंने यह भी कहा कि वाराणसी को 2022-23 के लिए एससीओ की ‘सांस्कृतिक और पर्यटन’ राजधानी के रूप में नामित किया गया है।

श्रीमती पटेल ने भारत में बुनियादी ढांचे के विकास, उद्योग और सेवा क्षेत्र में एससीओ देशों से निवेश का भी स्वागत किया। उन्होंने बैठक को भारत में फार्मास्यूटिकल, इलेक्ट्रॉनिक, मेडिकल डिवाइस, एसी, एलईडी, सोलर पीवी मॉड्यूल, एडवांस्ड केमिस्ट्री सेल बैटरी, ऑटोमोबाइल और मोटर वाहन पुर्जों जैसे क्षेत्रों में विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए घरेलू उद्योगों को सहायता प्रदान करने सहित भारत द्वारा की गई विभिन्न पहलों की जानकारी दी।

उन्होंने किर्गिज गणराज्य को संगठन की अध्यक्षता करने के लिए बधाई दी, साथ ही, नए सदस्य देश के रूप में ईरान का स्वागत किया। उन्होंने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि एससीओ क्षेत्र में 40 प्रतिशत वैश्विक आबादी रहती है और इस क्षेत्र का विश्व की अर्थव्यवस्था का 30 प्रतिशत योगदान है। इसलिए एससीओ क्षेत्र के भीतर व्यापार बढ़ाने की अत्यधिक संभावना है।

उन्होंने बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली के मूल सिद्धांतों और लक्ष्यों की सुरक्षा के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण, पर्यावरण सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन के नकारात्मक प्रभावों को कम करने और जैव विविधता के संरक्षण के महत्वपूर्ण क्षेत्रों सहित कई प्रमुख समस्याओं पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने आगाह किया कि विश्व मंच पर जलवायु एजेंडे का इस्तेमाल व्यापार और निवेश सहयोग को प्रतिबंधित करने वाले उपायों को पेश करने के लिए नहीं किया जाना चाहिए।

श्रीमती पटेल ने डिजिटल विभाजन के अंतर को कम करने के लिए डिजिटलीकरण के महत्व पर भी जोर दिया और कहा कि भारत के डिजिटलीकरण के बारे में भी चर्चा की, जिसकी दुनिया भर में सराहना हो रही है।