नई दिल्ली, रियो ओलिम्पिक की कांस्य पदक विजेता साक्षी मलिक और उनके मंगेतर सत्यव्रत कादियान सहित भारतीय पहलवानों को प्रो रेसभलग लीग का बेसब्री से इंतकाार है और सभी का मानना है कि इस टूर्नामेंट ने उनके जीवन को एक नयी दिशा प्रदान की है। गोंडा (उत्तर प्रदेश) के नंदिनीनगर स्पोट््र्स कॉम्प्लेक्स में आयोजित राष्ट्रीय चैंपियनशिप के दौरान इन पहलवानों ने बताया कि इस लीग ने भारतीय कुश्ती को एक दिशा दी है। यह लीग 15 दिसंबर से देश के आठ शहरों में आयोजित की जाएगी, जो महीने भर चलेगी। साक्षी ने कहा इस लीग के बाद ही उनका ओलंपिक, उससे पहले ओलंपिक क्वॉलिफाइंग और अन्य प्रतियोगिताओं में शानदार प्रदर्शन रहा है।
यह लीग भारतीय पहलवानों के लिए वरदान साबित हुई है। वहीं राष्ट्रीय चैंपियनशिप के 97 किलोग्राम की फ्री स्टाइल शैली का स्वर्ण पदक जीतने वाले और हाल में साक्षी से सगाई करने वाले सत्यव्रत ने कहा पीडब्ल्यूएल ने पहलवानों को एक ऐसा मंच दिया है जिसमें उन्हें ओलंपिक और वल्र्ड चैंपियनशिप के पदक विजेताओं से मुकाबला करने के लिए मनोवैज्ञानिक रूप से तैयार होने में मदद मिली है। 57 किलो की फ्री स्टाइल कुश्ती में स्वर्ण पदक जीतने वाले संदीप तोमर ने कहा पीडब्ल्यूएल का अनुभव उनके लिए सर्वश्रेष्ठ रहा है। इस लीग के बाद ही वह लगातार दूसरी बार राष्ट्रीय चैंपियन बने और लीग के बाद ही उन्हें एशियाई चैंपियन और ओलंपियन बनने का अवसर मिला। लीग के अनुभव ने उन्हें एक मुकाम तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई है।