बेंगलुरु, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के सभी प्रयासों में लैंगिक विविधता की संस्कृति और निर्णय लेने की प्रक्रिया में समावेशिता के लिए शुक्रवार को इसकी सराहना की।
उपराष्ट्रपति धनखड़ ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर यहां यूआर राव सैटेलाइट सेंटर से इसरो समुदाय को संबोधित करते हुए कहा, “मुझे, विशेष रूप से अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर, इसरो के सभी प्रयासों में लैंगिक विविधता की संस्कृति और निर्णय लेने की प्रक्रिया में समावेशिता के लिए इसकी सराहना करनी चाहिए।”
उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैज्ञानिक और तकनीकी क्षेत्रों में लगभग 20 प्रतिशत महिलाएं हैं, और 500 से अधिक महिला कर्मचारी केंद्र का नेतृत्व करने सहित प्रबंधकीय और प्रशासनिक क्षेत्रों में विभिन्न स्तरों पर नेतृत्व की भूमिका में हैं।
उप राष्ट्रपति ने कहा, “मैं थोड़ा विषयांतर करता हूं। एक महिला हमेशा नेतृत्व की भूमिका में होती है, जन्म से ही! भारत की रॉकेट वुमन हमें आकाश और उससे भी आगे तक ले जा रही हैं। उन्होंने अपने लिए और पहले से निर्धारित मानकों से आगे जाकर हमारी प्रगति के लिए सभी सीमाएं लांघ दी हैं।”
उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कहा कि अगले 10 वर्ष में वैश्विक अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था में भारत के योगदान में लगभग पांच गुना वृद्धि होने की संभावना है। इसरो ने खुद को भारत की वैश्विक कूटनीति और सॉफ्ट पावर को बढ़ाने में प्रमुख योगदानकर्ता के रूप में भी स्थापित किया है।
उन्होंने कहा,“मुझे इसमें कोई संदेह नहीं है कि 2047 में भारत न केवल एक विकसित राष्ट्र होगा बल्कि एक वैश्विक अंतरिक्ष शक्ति होगा। आइए हम सितारों तक पहुंचना जारी रखें, न केवल अपने राष्ट्र की महिमा और 2047 में विकसित भारत के लक्ष्य के लिए, बल्कि समग्र रूप से मानवता की बेहतरी के लिए।”