रायबरेली, उत्तर प्रदेश के रायबरेली के मुंशीगंज स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में एलोपैथी के अलावा आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति का भी शुभारंभ हो रहा है, जिसमे मधुमेह, मानसिक रोगों और नसों के रोगों (न्यूरोलोजी) मे एलोपैथी और आयुर्वेद दोनों चिकित्सा पद्धतियों के समनव्य से उच्च स्तरीय शोध कार्य भी किये जायेंगे |
एम्स के प्रवक्ता डॉ़ सुयश सिंह ने बताया कि अब अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान मे एलोपैथी के साथ- साथ भारतीय चिकित्सा पद्धति- आयुर्वेद के माध्यम से भी मरीजो को स्वास्थ्य लाभ मिल पायेगा| जिसके लिए एक “आयुष चिकित्सा अधिकारी” डॉ. हरि कृष्ण पारीक की नियुक्ति की गयी है | इसी उद्देश्य से आयुष ओपीडी का शुभारंभ निदेशक अरविंद राजवंशी के कर कमलो द्वारा किया गया |
निदेशक प्रो. अरविंद राजवंशी एवं संकाय प्रमुख प्रो. नीरज कुमारी ने जानकारी देते हुए बताया कि जल्द ही मरीजो को भर्ती करने हेतु 30 बिस्तर के अंतरंग विभाग की शुरुआत होगी और मधुमेह, मानसिक रोगो और नसो के रोगो (न्यूरोलोजी) मे एलोपैथी और आयुर्वेद दोनो चिकित्सा पद्धतियों के समनव्य से उच्च स्तरीय शोध कार्य भी किये जायेंगे | कर्नल यू. एन. राय ने बताया की जल्द ही आयुष हॉस्पिटल भवन का निर्माण कार्य शुरू हो जायेगा, जिससे आयुष सेवाओ का विस्तार होगा|
चिकित्सा अधीक्षक डॉ सुयश सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि दोनो चिकित्सा पद्धतियों के सम्मिलित सहयोग से हम गंभीर बीमारियों मे और खराब जीवन शैली जनित रोगो मे और कोरोना पश्चात उत्पन्न रोगो मे मरीजो को लाभांवित करेंगे और विभिन्न नवीन शोध भी दुनिया के समक्ष रखने के लिए अथक प्रयासरत रहेंगे |डॉ. हरि कृष्ण पारीक ने जानकारी देते हुए बताया कि आयुर्वेद चिकित्सा मे अब नाड़ी परीक्षा के माध्यम से अब त्वचा के रोग,सफेद दाग, मधुमेह, पुरुषो और महिलाओ के रोग, लकवा, जोड़ो के दर्द,पेट , लिवर, फेंफड़े, किडनी के रोगो मे चिकित्सा व्यवस्था का लाभ मिलेगा | शुरुआती दौर मे ओपीडी व्यवस्था के बाद जल्द ही आयुर्वेदिय पंचकर्म द्वारा भी इलाज शुरू किया जायेगा|