नयी दिल्ली, केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को कहा कि जम्मू और कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई निर्णायक दौर में है तथा आतंकवाद बड़ी संगठित आतंकी हिंसाओं से अब छद्म लड़ाई तक सिमट गया है लेकिन सरकार इसे जड़ से उखाड़ फेंकने के लिए संकल्पित हैं।
अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर में बढ़ती आतंकवादी गतिविधियों के मद्देनजर रविवार को यहां एक उच्च स्तरीय बैठक में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ केन्द्र शासित प्रदेश में सुरक्षा व्यवस्था की स्थिति तथा आगामी अमरनाथ यात्रा की तैयारियों की समीक्षा की।
गृह मंत्री ने एजेंसियों को जम्मू में ‘एरिया डॉमिनेशन प्लान’ और ‘ज़ीरो टेरर प्लान’ के माध्यम से कश्मीर घाटी में हासिल की गई सफलताओं को दोहराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार नये तरीकों से आतंकियों पर कार्रवाई कर मिसाल बनाने के लिए कटिबद्ध है। गृह मंत्री ने सभी एजेंसियों को मिशन मोड में काम करने और समन्वित तरीके से त्वरित प्रतिक्रिया सुनिश्चित करने पर बल दिया।
अमित शाह ने कहा,“ जम्मू और कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई निर्णायक दौर में है। हाल ही में हुई घटनाएं बताती हैं कि आतंकवाद बड़ी संगठित आतंकी हिंसाओं से सिमट कर छद्म लड़ाई तक सीमित होने के लिए मजबूर हो गया है लेकिन हम इसको भी जड़ से उखाड़ फेंकने के लिए संकल्पित हैं।”
गृह मंत्री ने सुरक्षा एजेंसियों के बीच निर्बाध समन्वय पर जोर देते हुए संवेदनशील क्षेत्रों की पहचान और उनकी सुरक्षा चिंताओं पर ध्यान देने पर ज़ोर दिया। गृह मंत्री ने स्थानीय खुफिया नेटवर्क को मजबूत करने, सुरंगों का पता लगाने और ड्रोन का मुकाबला करने के लिए आधुनिक तकनीक अपनाने पर जोर दिया। उन्होंने सुरक्षा एजेंसियों को केन्द्र सरकार के पूर्ण समर्थन का आश्वासन दिया। आतंकवाद के खिलाफ सरकार की जीरो टॉलरेंस की नीति को दोहराते हुए गृह मंत्री ने कहा, जम्मू और कश्मीर से आतंकवाद के सफाये के लिए सरकार कोई कसर नहीं छोड़ेगी।
अमित शाह ने कहा कि केन्द्र सरकार के प्रयासों से कश्मीर घाटी में आतंकी घटनाओं में महत्वपूर्ण कमी के साथ-साथ बड़े पैमाने पर सकारात्मक परिणाम देखने को मिले हैं। उन्होंने कहा कि कश्मीर में रिकॉर्ड संख्या में पर्यटकों का आना वहां कानून-व्यवस्था की स्थिति में सुधार को दिखाता है।
यहां नार्थ ब्लॉक में दो चरणों में करीब चार-पांच घंटे से भी अधिक समय तक चली बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, जम्मू कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा, केन्द्रीय गृह सचिव अजय भल्ला , खुफिया ब्यूरो के निदेशक, सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे, सेना प्रमुख नामित जनरल उपेन्द्र द्विवेदी, केन्द्रीय पुलिस बलों के महानिदेशक, जम्मू कश्मीर के मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक, जम्मू कश्मीर प्रशासन तथा केन्द्रीय गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया।
अमित शाह को उप राज्यपाल मनोज सिन्हा द्वारा जम्मू कश्मीर में सुरक्षा स्थिति की विस्तार से जानकारी दी गयी। सेना और पुलिस की ओर से भी आतंकवादियों की गतिविधियों के बारे में बताया गया।
बैठक में आगामी अमरनाथ यात्रा को ध्यान में रखते हुए यात्रियों की सुरक्षा तथा उन्हें दी जाने वाली सुविधाओं से संबंधित तैयारियों का भी जायजा लिया गया।
इससे पहले श्री मोदी ने गुरुवार को श्री शाह और श्री डोभाल तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ जम्मू कश्मीर की स्थिति की समीक्षा की थी। बैठक में श्री मोदी ने आतंकवाद रोधी कार्रवाई में सशस्त्र बलों की पूरी क्षमता का इस्तेमाल करने को कहा था। इसके बाद श्री शाह ने शुक्रवार को भी एक बैठक में कानून व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा की थी।
उल्लेखनीय है कि पिछले एक सप्ताह से जम्मू कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियां बढ़ गयी हैं और सुरक्षाकर्मियों तथा आतंकवादियों के बीच निरंतर मुठभेड़ हो रही हैं।