नैनीताल, उत्तराखंड उच्च न्यायालय से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता और ऊधम सिंह नगर की जिला पंचायत अध्यक्ष रेनु गंगवार को झटका लगा है। मुख्य न्यायाधीश की अगुवाई वाली पीठ ने बुधवार को सुनवाई के बाद उनकी अपील खारिज कर दी।
मुख्य न्यायाधीश ऋतु बाहरी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की युगलपीठ में उनकी अपील पर सुनवाई हुई।
आरोप है कि जिला पंचायत अध्यक्ष रेनु गंगवार ने वर्ष 2019 में जिला पंचायत बोर्ड से प्रस्ताव पास कर बोर्ड की वित्तीय और प्रशासनिक शक्ति को अपने में निहित कर ली।
इस कदम से असहमत बोर्ड के कुछ सदस्यों ने शासन से शिकायत की लेकिन पंचायती राज विभाग की ओर से इसमें कोई कार्रवाई नहीं की गयी।
इसी बीच खेमपुर की जिला पंचायत सदस्य कुमारी सुमन ने इस प्रकरण को लेकर उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। उन्होंने अपनी याचिका में कहा कि यह कदम गलत है और अधिनियम में बोर्ड की शक्ति को एक व्यक्ति में निहित करने का कोई प्रावधान नहीं है।
जवाब में अदालत ने इसी साल फरवरी में आदेश पारित कर शासन को कार्रवाई करने के निर्देश जारी किये। हाईकोर्ट के आदेश के परिपेक्ष्य में सचिव पंचायती राज ने नौ अप्रैल, 2024 को बोर्ड के प्रस्ताव पर रोक लगा दी।
साथ ही कुमाऊं मंडल के आयुक्त को इस मामले की जांच सौंप दी। शासन के नौ अप्रैल के आदेश के खिलाफ श्रीमती गंगवार उच्च न्यायालय पहंुच गयी। उन्होंने सचिव पंचायती राज के आदेश को चुनौती दे डाली।
उन्होंने दायर याचिका में कहा कि शासन की ओर से एकतरफा कार्रवाई की गयी है। उन्हें सुनवाई का मौका नहीं दिया गया लेकिन अदालत ने उन्हें झटका देते हुए जून 2024 में याचिका को खारिज कर दिया।
एकलपीठ के आदेश के खिलाफ उन्होंने अपील दायर की और आज सुनवाई के बाद अपील भी खारिज हो गयी। अदालत के आदेश के बाद बोर्ड की शाक्ति वापस अपने में निहित हो गयी।