नई दिल्ली, रियो ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता साक्षी मलिक का मानना है कि अगर वह और उनके मंगेतर सत्यव्रत कादियान पेशेवर कुश्ती लीग (पीडब्ल्यूएल) के दूसरे सत्र में एक ही टीम के लिए खेलते हैं तो इससे फ्रेंचाइजी को काफी मदद मिलेगी। पुरूष 97 किग्रा फ्रीस्टाइल वर्ग में मौजूदा राष्ट्रीय चैम्पियन सत्यव्रत साक्षी के प्रतिद्वंद्वियों का अध्ययन करके और उनके खिलाफ रणनीति बनाकर रियो ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता खिलाड़ी की मदद करते हैं। दूसरी तरफ साक्षी सत्यव्रत को उनके विरोधियों के दांव का आकलन करके जानकारी देती हैं। साक्षी ने कहा, वह मेरी स्पर्धा का अध्ययन करता है और मैं उसकी स्पर्धा का आकलन करती हूं। चौबीस साल की साक्षी ने पीडब्ल्यूएल के पहले सत्र में रेवांता मुंबई गरूड़ का प्रतिनिधित्व किया था जबकि सत्यव्रत यूपी वारियर्स का हिस्सा थे। महिला 58 किग्रा वर्ग में चुनौती पेश करने वाली साक्षी ने कहा कि अपने कोचों के अलावा उन्होंने मुंबई फ्रेंचाइजी की अमेरिकी कप्तान एडेलिन ग्रे से भी काफी कुछ सीखा है। साक्षी ने कहा, उसे देखकर हमने खुलकर खेलना सीखा। उसके साथ मैट पर ट्रेनिंग करना मेरे लिए यादगार लम्हा था।