सहारनपुर, उत्तर प्रदेश में सहारनपुर के संवेदनशील नगर देवबंद में 25 जून 1993 को आधी रात के करीब यूनियन तिराहे पर पुलिस पिकेट पर बम फेंकने के आरोपी को पुलिस ने आज गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि बम फेंकने की वारदात में शामिल आतंकी नजीर अहमद वानी उर्फ मुस्ताक उर्फ मुस्तफा उर्फ जावेद इकबाल निवासी इंजक शरीफाबाद
थाना पारिमपुरा जिला बडगांव कश्मीर को एटीएस और देवबंद पुलिस ने गिरफ्तार किया है।
पुलिस अधीक्षक देहात सागर जैन ने सोमवार को बताया कि वह 30 साल से फरार था और उस पर 25 हजार का इनाम घोषित था। सागर जैन ने बताया कि गिरफ्तार आतंकी का संबंध आतंकवादी संगठन हिजबुल मुजाहिद्दीन से है। वर्ष 1993 में उसके द्वारा पुलिस पिकेट पर फैंके गए ग्रेनेड में कांस्टेबल कन्हैया लाल, कांस्टेबल अंर्जुमन अली और दो नागरिक जयप्रकाश सैनी और सुखबीर निवासी देवबंद घायल हुए थे। उस घटना में नजीर अहमद वानी का नाम सामने आया था। पुलिस ने उसे देवबंद से 26 मई 1994 को फर्जी दस्तावेजों के साथ गिरफ्तार किया था।
वह पिछले तीस वर्षों से कोर्ट में पेश नहीं हुआ था और फरार चल रहा था। उसकी गिरफ्तारी के लिए अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने 20 मई 2024 को वारंट जारी किए थे। देवबंद पुलिस ने एटीएस की सहायता से नजीर वानी को 17 नवंबर को कश्मीर के बडगांव जिले से उसके वर्तमान पते से गिरफ्तार किया और उसे आज कोर्ट में पेश किया।
एसपी देहात सागर जैन ने बताया कि गिरफ्तार करने वाली टीम में एटीएस निरीक्षक सुधीर उज्जवल और देवबंद के पुलिस निरीक्षक अजय कुमार समेत नौ पुलिसकर्मी शामिल थे।
गौरतलब है कि अयोध्या में 6 दिसंबर 1992 को बाबरी ढांचे के विध्वंस के बाद देवबंद में अगले रोज हिंसा और आगजनी में पुलिस फायरिंग में आधा दर्जन लोगों की मौत हो गई थी। उस घटना के बाद से देवबंद आतंकी गतिविधियों का केंद्र बन गया। जिस रात देवबंद में यूनियन तिराहे पर पुलिस पिकेट पर ग्रनेड से हमला किया गया था, तो घटना स्थल पर सबसे पहले पहुंचने वालों में यह संवाददाता शामिल था और उसकी सूचना पर ही तत्कालीन जिलाधिकारी हरभजन सिंह थोडी देर बाद ही मौके पर पहुंचे थे और देवबंद अस्पताल जाकर घायलों का हाल जाना था।