नई दिल्ली, कैप्सी और एपीडीआई 19वीं सिक्योरिटी लीडरशिप समिट 2024 का आयोजन कर रहे हैं। इस महत्वपूर्ण ईवेंट में सर्वोच्च नेतृत्वकर्ता, नीति निर्माता और औद्योगिक विशेषज्ञ सिक्योरिटी के भविष्य और आधुनिक टेक्नोलॉजी के साथ इसके संबंध के बारे में चर्चा करते हैं।
‘‘सुरक्षित भारत – विकसित भारत 2047’’-
इस समिट का विषय ‘‘सुरक्षित भारत – विकसित भारत 2047’’ है, जिसमें सिक्योरिटी सेवाओं, महिला सुरक्षा, अंतर्राष्ट्रीय प्राईवेट जाँच-पड़ताल में एआई की भूमिका और पुलिस की रणनीतियों के साथ प्राईवेट सिक्योरिटी को शामिल करने जैसे विषयों पर ध्यान केंद्रित किया गया। ड्रोन टेक्नोलॉजी, साईबर सिक्योरिटी, और सिक्योरिटी उद्योग में लीडरशिप पर विशेष सत्रों का आयोजन किया गया तथा सिक्योरिटी प्रोफेशनल्स के लिए नए मोर्चे के रूप में ड्रोन वॉरियर्स की विकसित होती हुई भूमिका पर भी वार्ता की ।
विशिष्ट अतिथियों की उपस्थिति-
समिट के पहले दिन विशिष्ट अतिथियों की उपस्थिति रही, जिनमें जनरल (डॉ) वी. के. सिंह, पीवीएसएम, एवीएसएम, वाईएसएम (सेवानिवृत्त), पूर्व केंद्रीय मंत्री; लेफ्टिनेंट जनरल एम. यू. नायर, पीवीएसएम, एवीएसएम, एसएम, राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा समन्वयक (एनसीएससी), भारत सरकार; और श्री महेश शर्मा, महासचिव, कैप्सी और एपीडीआई शामिल थे, जिन्होंने कार्यक्रम की अध्यक्षता की।
जनरल वी. के. सिंह-
जनरल (डॉ) वी. के. सिंह ने कैप्सी के ‘सुरक्षित भारत – विकसित भारत विजन 2047’ के बारे में बात की, जिसमें 2047 तक भारत को अधिक सुरक्षित और विकसित बनाने के लिए एक रणनीतिक रोडमैप प्रस्तुत किया गया है। उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा में प्रौद्योगिकी की भूमिका और भारत के आंतरिक सुरक्षा ढांचे को मजबूत करने की रणनीतियों पर भी चर्चा की।
लेफ्टिनेंट जनरल एम. यू. नायर-
लेफ्टिनेंट जनरल एम. यू. नायर ने राष्ट्रीय सुरक्षा उद्देश्यों के साथ कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) और ड्रोन जैसी उन्नत तकनीकों के समन्वय पर अपने रणनीतिक दृष्टिकोण प्रस्तुत किए। श्री देवेश चंद्र श्रीवास्तव, विशेष पुलिस आयुक्त (आईएएस), दिल्ली पुलिस, महिला सुरक्षा पर पैनल चर्चा की अध्यक्षता करेंगे।
प्रतिष्ठित वक्ताओं की भागीदारी-
इस समिट में प्रतिष्ठित वक्ताओं की भागीदारी रही, जिनमें डॉ. सत्यपाल सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री; डॉ. शमशेर सिंह, आईपीएस, पुलिस महानिदेशक (कानून और व्यवस्था), गुजरात; लेफ्टिनेंट जनरल ए. बी. शिवाने (सेवानिवृत्त); श्री राजनीश गुप्ता, आईपीएस, संयुक्त पुलिस आयुक्त / आईएफएसओ, स्पेशल सेल; श्री एस. एस. श्रीवास्तव, आईपीएस, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक और नियंत्रक प्राधिकरण, पंजाब; श्री वी. के. भवरा, आईपीएस (सेवानिवृत्त), पूर्व डीजी पुलिस, पंजाब; श्री अनिल प्रथान, आईपीएस (सेवानिवृत्त), पूर्व डीजीपी, पुलिस सुधार, गुजरात और भारतीय सेना, दिल्ली पुलिस तथा वैश्विक सुरक्षा संगठनों के प्रतिनिधि शामिल थे। अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त वक्ताओं में मिस्टर माइक लैकोर्टे, एसोसिएशन ऑफ ब्रिटिश इन्वेस्टिगेटर्स के अध्यक्ष, और एंबेसडर (डॉ.) सिलवेस्टर ओकेरे, संस्थापक और सीईओ, स्ट्रैटेजिक ग्रुप्स यूएसए एलएलसी, ने चर्चाओं में वैश्विक दृष्टिकोण प्रस्तुत किया।
इस कार्यक्रम के बारे में बात करते हुए कैप्सी और एपीडीआई के अध्यक्ष, कुंवर विक्रम सिंह ने कहा, “यह समिट भविष्य की सुरक्षा चुनौतियों के लिए भारत की सुरक्षा व्यवस्था को तैयार करने की हमारी अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाती है। हमारा विजन, ‘सुरक्षित भारत – विकसित भारत 2047,’ अत्याधुनिक तकनीक और अनुकूल नेतृत्व को एकीकृत करने पर जोर देता है ताकि सभी के लिए सुरक्षा और प्रगति सुनिश्चित हो सके।” उन्होंने यह भी घोषणा की कि कैप्सी एक लाख ड्रोन योद्धाओं को प्रशिक्षित करने की पहल कर रहा है, जो डीजीसीए दिशानिर्देशों के अनुरूप होगी, और देश की सुरक्षा व्यवस्था में क्रांतिकारी बदलाव लाएगी।
‘सुरक्षित भारत’ को प्राथमिकता-
समिट के मुख्य अतिथि और पूर्व केंद्रीय मंत्री जनरल (डॉ) वी. के. सिंह, पीवीएसएम, एवीएसएम, वाईएसएम (सेवानिवृत्त) ने कहा कैप्सी द्वारा पेश किए गए ड्रोन वॉरियर्स बहुत दूरदर्शी कदम है। इसमें विभिन्न सेक्टर्स में उपयोग किए जाने की अपार क्षमता है। राष्ट्रीय सुरक्षा एक मजबूत आंतरिक सुरक्षा से शुरू होती है। कैप्सी और सुरक्षा एजेंसियों ने हमारे देश को सुरक्षित व संरक्षित महसूस कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। टेक्नोलॉजी के विकास के साथ चुनौतियाँ भी बढ़ती हैं। इसलिए जहाँ एआई जैसे टूल्स क्रांतिकारी परिवर्तन ला रहे हैं, वहीं नए जोखिम भी उत्पन्न हो रहे हैं। अब इन्फॉर्मेशन ज्यादा आसानी से और पर्सनल डिवाईसेज़ पर भी उपलब्ध हो जाती है, इसलिए साईबरसुरक्षा राष्ट्र की रक्षा के लिए सबसे महत्वपूर्ण हो गई है। ‘सुरक्षित भारत’ को प्राथमिकता देकर हम एक ‘सक्षम भारत’ का निर्माण कर सकते हैं, जो एक ‘विकसित भारत’ का मार्ग तैयार करेगा। यह टेक्नोलॉजी के जिम्मेदार उपयोग और अपने देश का भविष्य सुरक्षित करने में बढ़त बनाए रखने का समय है।’’
पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. सत्यपाल सिंह ने कहा “हमारे देश के लिए सुरक्षा सबसे ज्यादा जरूरी है। 2047 तक ‘विकसित भारत’ का लक्ष्य पाने के लिए ‘सुरक्षित भारत’ सुनिश्चित करना आवश्यक है। इस महत्वपूर्ण विषय को उठाने के लिए मैं कैप्सी की सराहना करता हूँ। आज के विकसित होते परिदृश्य में हमें सुरक्षा को सबसे ज्यादा महत्व देना होगा, ताकि सुरक्षा की मजबूत संस्कृति के निर्माण के लिए सरकारी और निजी सुरक्षा एजेंसियों के बीच सहयोग बढ़े। आंतरिक सुरक्षा सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण होती है क्योंकि इसके खतरे अप्रत्याशित होते हैं। टेक्नोलॉजी के प्रभावी इस्तेमाल और लोगों को इसके जिम्मेदार उपयोग का प्रशिक्षण देकर भविष्य को सुरक्षित किया जा सकता है। सुरक्षा केवल एक जरूरत नहीं, बल्कि एक ऐसे जीवन की प्रतिबद्धता है, जो हमें दिलोजान से अपनाना चाहिए।”
मिस्टर माइक लैकोर्टे, अध्यक्ष –
एसोसिएशन ऑफ ब्रिटिश इन्वेस्टिगेटर्स (एबीआई) और सीईओ, कॉन्फ्लिक्ट इंटरनेशनल लिमिटेड ने कहा 2047 तक सुरक्षित भारत का लक्ष्य प्रेरणादायक और भारत की प्रगति के लिए आवश्यक है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने में सार्वजनिक और निजी सुरक्षा एजेंसियों के बीच सहयोग की अहम भूमिका है। इस साझेदारी का एक महत्वपूर्ण पहलू अलग-अलग कानूनों, प्रक्रियाओं और प्रोटोकॉल्स के बावजूद विभिन्न न्यायिक क्षेत्रों में जानकारी का सुगम आदान-प्रदान है। इन सिद्धांतों को व्यवस्थित बनाने के लिए कैप्सी के उल्लेखनीय प्रयास राष्ट्रीय सुरक्षा का एक संगठित व प्रभावशाली दृष्टिकोण सुनिश्चित करेंगे, ताकि एक सुरक्षित व संरक्षित भारत का मजबूत आधार स्थापित हो सके।’’
पैनल चर्चा के दौरान, श्री भगवान शंकर, आईएएस (सेवानिवृत्त), पूर्व अतिरिक्त मुख्य सचिव, सिक्किम सरकार और पूर्व संयुक्त सचिव, गृह मंत्रालय, की अध्यक्षता में सभी प्रमुख शहरों में राज्य पुलिस और अन्य भागीदारों के सहयोग से सिटी सिक्योरिटी काउंसिल्स की स्थापना के लिए रोडमैप पर चर्चा की गई।
19वीं सिक्योरिटी लीडरशिप समिट 2024 ने सुरक्षा उद्योग के भविष्य को आकार देने, जानकारीपूर्ण चर्चाओं, नेटवर्किंग के अवसरों और उपयोगी परिणामों की दिशा में योगदान देने का वादा किया है, जो भारत को और अधिक सुरक्षित और प्रगतिशील बनाएगा।
रिपोर्टर-आभा यादव