लखनऊ, उत्तर प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं और पदाधिकारियों ने सोमवार को संभल जाने का प्रयास किया मगर पुलिस ने जिला प्रशासन द्वारा दस दिसंबर तक लगायी गयी रोक का हवाला देते हुये उन्हे जाने की अनुमति नहीं दी।
गौरतलब है कि अदालत के आदेश पर जामा मस्जिद में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के सर्वे के दौरान पिछले दिनो संभल में भड़की हिंसा में पांच लोगों की मौत हो गयी थी। कांग्रेस के नेताओं का कहना है कि वह मृतक के परिजनो को ढाढस बंधाने के लिये जा रहे थे मगर तानाशाही सरकार के इशारे पर पुलिस ने उन्हे जाने की अनुमति नहीं देकर उनके लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन किया है।
पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने कहा कि एक तरफ सरकार अपने दायित्वों का निर्वहन करने में असफल रही और दूसरी तरफ तानाशाही रवैया अपनाते हुए कांग्रेस नेताओं को मृतकों के परिजनों से मिलकर संवेदना व्यक्त करने जाने से रोकने का हर आलोकतांत्रिक हथकंडा अपना रही है।
उन्होने कहा कि कांग्रेस का संवैधानिक अधिकार है कि वह जनता के बीच जाकर उनकी समस्याओं और मुद्दों सुने और सदन में उठाये। मगर योगी सरकार को इस बात का भय है कि कांग्रेस नेताओं के संभल जाने से सच बाहर आ जायेगा और वह बेनकाब हो जायेगी।
राय ने कहा कि 24 नवंबर की घटना के बाद कांग्रेस ने यह एलान किया था कि हम पीड़ित परिवारों से मिलने के लिए आगामी दो दिसंबर को संभल जायेंगे। क्योंकि सरकार द्वारा 30 नवंबर तक विपक्षी नेताओं के संभल जाने पर रोक लगा दी थी। मगर अचानक 29 तारीख को इस रोक को बढ़ाकर 10 दिसंबर कर दिया गया है। इससे एक बात आईने की तरह साफ हो गई है कि संभल में कुछ ऐसा जरूर है जिसे सरकार बाहर नहीं आने देना चाहती।
आज कांग्रेसी नेताओं के संभल जाने की भनक लगते ही बड़ी संख्या में सुरक्षा बलों को कांग्रेस के प्रदेश कार्यालय के बाहर तैनात कर दिया गया था। कांग्रेस विधानमंडल दल की नेता आराधना मिश्रा मोना को उनके आवास से बाहर निकलने की इजाजत नहीं दी गयी।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय रविवार शाम को ही आकर प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय पर रुक गये थे।
निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार श्री राय तथा पूर्व सांसद पीएल पुनिया दल-बल के साथ बाहर निकले जहां पुलिस ने उन्हें बलपूर्वक रोकने का प्रयास किया जिस दौरान कांग्रेसजनों एवं पुलिस प्रशासन के बीच धक्का-मुक्की के साथ तीखी नोकझोंक भी हुई। तद्पश्चात प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष श्री अजय राय कांग्रेस मुख्यालय के मुख्य द्वार से बाहर निकलकर रोड पर धरने पर बैठ गये।
श्री राय ने कहा कि अगर सरकार ने अपनी हठ धर्मिता नहीं छोंड़ी तो हम पूरे प्रदेश में आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे।