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दहेज लोभियों को फांसी की सजा

बरेली, उत्तर प्रदेश में बरेली की फास्ट ट्रैक कोर्ट ने दहेज हत्या मामले में पति, सास और ससुर को फांसी की सजा सुनाई है। अपर जिला व सत्र न्यायाधीश त्वरित न्यायालय-प्रथम रवि कुमार दिवाकर की अदालत ने अपने फैसले में दहेज प्रथा की निंदा करते हुए सख्त टिप्पणियां कर समाज को चेतावनी दी कि यदि इस कुप्रथा को नहीं रोका गया, तो आने वाली पीढ़ियां भी इसका दंश झेलेंगी।

फराह की शादी नवाबगंज में जयनगर गांव में मकसद अली साथ वर्ष 2023 में हुई थी। महज एक साल बाद ही एक मई 2024 को दहेज लोभियों ने फराह की बांके से काटकर हत्या कर दी। उसका सर धड़ से अलग कर दिया था। हत्या के बाद पति और सास ससुर फरार हो गए थे। कुछ दिनों बाद ही पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार कर लिया। महज आठ महीने के अन्दर ये ऐतिहासिक फैसला आ गया।

कोर्ट ने इस मामले में पति मकसद अली, ससुर साबिर अली और सास मसीतन उर्फ हमशीरन को फांसी की सजा सुनाई। तीनों के खिलाफ नवाबगंज थाने में धारा 498-ए, 304-बी, 302/34 भारतीय दंड संहिता और धारा 3/4 दहेज प्रतिषेध अधिनियम तहत मुकदमा दर्ज किया गया था।

अदालत ने कहा कि यह केवल एक महिला की हत्या का मामला नहीं है, बल्कि यह पूरे समाज के लिए चेतावनी है। यदि इस तरह के मामलों में कठोर दंड नहीं दिया गया, तो बेटियों की सुरक्षा खतरे में पड़ जाएगी। अदालत ने इस मामले को दुर्लभतम मामलों की श्रेणी में रखते हुए दोषियों को फांसी की सजा सुनाई। कोर्ट ने यह भी कहा कि इस फैसले से समाज में एक मजबूत संदेश जाएगा कि दहेज प्रथा को अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और जो भी इसमें लिप्त होगा, उसे कड़ी से कड़ी सजा दी जाएगी।