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अजय राय ने बजट पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि साल दर साल योगी सरकार का बजट एक रस्म अदायेगी के सिवाए और कुछ नहीं रह गया है। झूठी बातें, झूठे वादे, झूठे आकड़े और झूठे सपनों को कागज के कुछ पन्नों में बिखेर कर प्रदेश की 25 करोड़ की जनता की आंखों में धोख झोंकने का काम योगी सरकार कर रही है।
उन्होने कहा कि अपनी कमियों को छिपाने के लिए सरकार गलत आकड़े पेश करने में बाज नहीं आ रही है। उदाहरण के तौर पर प्रदेश ऋृणग्रस्तता के मामले में अपनी पीठ थपथपा रही है। कैग ने अपनी रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश की बढ़ती हुई ऋृणग्रस्तता अपनी अपनी चिंता जाहिर की है। 31 मार्च 2024 तक उत्तर प्रदेश सरकार पर कुल कर्ज 6,67,106.03 करोड़ था।
अजय राय ने कहा कि आत्मश्लाघा में डूबी यह सरकार यह दावा करती है कि प्रति व्यक्ति आय को बहुत बढ़ा दिया गया है मगर सच यह है कि आज भी पूरे भारत में प्रति व्यक्ति आय के मामले में उत्तर प्रदेश 28वें स्थान पर है। किसानों को लेकर प्रदेश की योगी सरकार कितनी संवेदनहीन है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि अभी हाल ही में पूरे प्रदेश के किसानों ने खाद को ब्लैक में खरीदा, ओलावृष्टि से नष्ट हुई फसलों की बीमा की रकम किसानों तक नहीं पहुंची। गन्ना किसानों की एसएपी पिछले सात वर्षों में मात्र 55 रूपये बढ़ाई गई जबकि इस दरम्यान महंगाई के कई गुना बढ़ जाने से लागत में अभूतपूर्व वृद्धि हुई जिसके चलते गन्ना किसानों की आय बढ़ने के बजाय घट गई।