
राज्यपाल ने अपने शुभकामना संदेश में कहा “ डॉ. भीमराव आम्बेडकर एक युगद्रष्टा थे, जिन्होंने आजीवन सामाजिक न्याय, समानता और मानव गरिमा की स्थापना के लिए संघर्ष किया। उन्होंने दलित, वंचित और पिछड़े वर्गों को अधिकार दिलाने के लिए अपना संपूर्ण जीवन समर्पित कर दिया। उनका जीवन हमें यह प्रेरणा देता है कि शिक्षा, संघर्ष और संयम के माध्यम से समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाया जा सकता है।”
उन्होंने कहा कि डॉ. आम्बेडकर द्वारा निर्मित संविधान न केवल भारत के लोकतांत्रिक स्वरूप का आधार है, बल्कि यह समता, स्वतंत्रता, न्याय और बंधुत्व जैसे मूल्यों का मार्गदर्शन भी करता है। हम सभी को उनके दिखाए मार्ग पर चलने का संकल्प लेना चाहिए और एक समतामूलक, समावेशी व प्रगतिशील समाज की स्थापना के लिए निरंतर प्रयासरत रहना चाहिए।