लोकसभा चुनाव के दौरान मोदी द्वारा की गई उदारवादी बातों पर भरोसा कर आम लोगों ने ‘गलती’ की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कांग्रेस के लोकसभा सांसद शशि थरूर ने कहा कि जिन लोगों ने मोदी के शासन में उदारवादी मूल्यों के प्रसार की उम्मीद जताई थी वे पूरी तरह निराश हो गए हैं। थरूर ने कहा कि लोकसभा चुनाव के दौरान दिए गए मोदी के उदारवादी नारों के पीछे कोई गंभीर आधार नहीं था और न ही उन्हें गंभीरता से लागू करने की कोई योजना ही थी। उन्होंने कहा कि इसलिए ऐसे लोग उनसे बेहद निराश हैं जो उनके शासन में उदारवादी मूल्यों के प्रसार की उम्मीद लगा बैठे थे। उन्होंने कहा कि भारत में उदारवाद देश के सामाजिक आर्थिक सत्य को ध्यान में रखकर या उसे साथ लेकर ही चल सकता है। बाजार का जादू उन लोगों पर नहीं चल सकता जो बाजार में घुसने का साहस तक नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि मोदी के उदारवादी चुनावी नारे परस्पर विरोधी थे। एक ओर तो वे बेहद उदार राजनीतिक सोच पर आधारित बयान जारी करते थे लेकिन दूसरी ओर उनके इन बयानों के पीछे उन्हें मूर्त रूप देने की कोई गंभीर योजना नहीं थी।