वन्यजीव फोटोग्राफी प्रकृति और खुद से जुड़ने का तरीका :रणदीप हुड्डा

मुंबई,  बॉलीवुड अभिनेता-फिल्ममेकर और वन्यजीव संरक्षण के समर्थक रणदीप हुड्डा का कहना है कि वन्यजीव फोटोग्राफी उनके मेरे लिए सिर्फ एक शौक नहीं है,यह प्रकृति और खुद से जुड़ने का एक तरीका है।

रणदीप हुड्डा, जो फिल्मों के साथ-साथ वन्यजीवों के भी बेहद शौकीन हैं, हाल ही में मध्यप्रदेश के खूबसूरत कान्हा नेशनल पार्क की यात्रा पर पहुंचे हैं। वे जानवरों के प्रति अपने गहरे प्रेम और पर्यावरण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के लिए जाने जाते हैं। इस बार भी वे अपने कैमरे में जानवरों की प्राकृतिक झलक को कैद करने पहुंचे हैं। रणदीप को वन्यजीव फोटोग्राफी का भी बहुत शौक है, और इस यात्रा के दौरान वे अपने इसी शौक को ताज़ा कर रहे हैं।

वन्यजीव संरक्षण से जुड़ी कई पहलों में भाग लेने वाले रणदीप ने वन्यजीव फोटोग्राफी में भी खास दिलचस्पी दिखाई है। इस निजी यात्रा पर उनके साथ उनकी पत्नी, अभिनेत्री और एंटरप्रेन्योर लिन लैशराम भी हैं। दोनों ने मिलकर भारत के सबसे खूबसूरत नेशनल पार्कों में से एक कान्हा नेशनल पार्क के हरियाली से भरपूर इलाके का मज़ा लिया। यह पार्क बाघ, तेंदुए, बारहसिंगा, काले हिरण और कई दुर्लभ व संकटग्रस्त प्रजातियों का घर है।

रणदीप हुड्डा ने अपनी यात्रा के बारे में कहा, जंगल में समय बिताना मेरे लिए एक तरह से रीसेट बटन दबाने जैसा होता है। वन्यजीव फोटोग्राफी मेरे लिए सिर्फ एक शौक नहीं है। यह प्रकृति और खुद से जुड़ने का एक तरीका है। जानवरों को उनके प्राकृतिक आवास में देखना धैर्य, विनम्रता और नज़रिया सिखाता है। यह मुझे ऐसे ज़मीन से जोड़ देता है जैसे कुछ और नहीं कर सकता।

रणदीप हमेशा से ही पशु कल्याण और पर्यावरण संरक्षण से जुड़े मामलों को समर्थन देते आए हैं, और वन्यजीव संरक्षण के मुद्दों पर उनकी आवाज़ अब और भी मज़बूत होती जा रही है।

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