शहरों में घर खरीदना गरीबों के बजट से कोसों दूर : राहुल गांधी

राहुल गांधी ने सोशल मीडिया ‘फेसबुक’ पर एक पोस्ट में आज कहा,“हां, आपने सही पढ़ा – और अगर यकीन नहीं हो रहा तो दोहरा देता हूं-मुंबई में घर लेने के लिए भारत के सबसे अमीर पांच प्रतिशत लोगों को भी 109 साल तक अपनी आमदनी का 30 प्रतिशत बचाना पड़ेगा। यही हाल ज़्यादातर बड़े शहरों का है, जहां आप अवसर और सफलता की तलाश में एड़ियां घिस देते हैं। कहां से आएगी इतनी बचत।”
उन्होंने कहा कि गरीब और मध्यम वर्ग की विरासत दौलत नहीं, जिम्मेदारियां होती हैं। बच्चों की महंगी शिक्षा,महंगे इलाज की चिंता, माता-पिता की ज़िम्मेदारी या परिवार के लिए छोटी-सी गाड़ी। फिर भी दिलों में रहता है एक सपना – ‘एक दिन’ एक घर होगा अपना। मगर जब वो ‘एक दिन’ अमीरों के लिए भी 109 साल दूर हो तो समझिए गरीबों से सपनों का भी हक़ छीन लिया गया है।”
राहुल गांधी ने कहा कि हर परिवार की ज़रूरत है, सुकून वाली चारदीवारी और सर ढ़कने वाली छत- मगर अफसोस आपकी पूरी जिंदगी की मेहनत और बचत से भी ज़्यादा है उसकी कीमत। अगली बार जब कोई आपको सकल घरेलू उत्पाद के आंकड़े सुनाए, तो उन्हें अपने घरेलू बजट की सच्चाई’ दिखाएं – और पूछें, ये अर्थव्यवस्था किसके लिए है।