लखनऊ में 18 मीटर चौड़ी सड़कों पर खुल सकेंगे शॉपिंग मॉल

लखनऊ, राजधानी लखनऊ में 18 मीटर चौड़ी सड़कों पर शॉपिंग मॉल और नौ मीटर चौड़ी सड़कों पर क्लीनिक व प्राइमरी स्कूल के नक्शे पास किये जाएंगे।
साथ ही विकास प्राधिकरण क्षेत्र में अवैध कालोनियों को छोड़कर आवासीय भू-उपयोग में शासकीय विभागों द्वारा निर्मित नौ मीटर से कम चौड़ी सड़कों पर एकल आवासीय भवन मानचित्र भी स्वीकृत होंगे। इससे नये शहरी क्षेत्र के साथ-साथ बड़ी आबादी वाले पुराने लखनऊ में भी नियोजित विकास को बल मिलेगा।
एलडीए उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार के निर्देश पर नये बिल्डिंग बायलॉज को लेकर चलाये जा रहे जागरूकता अभियान के क्रम में बुधवार को एलडीए की टीम ने चौक के एक निजी होटल में बिल्डर व व्यापारियों के साथ बैठक की। इस दौरान एलडीए के संयुक्त सचिव सुशील प्रताप सिंह, जोनल अधिकारी रवि नंदन सिंह व मानचित्र सेल के सहायक अभियंता सतीश यादव ने लोगों को नये नियमों के फायदे बताये। उन्होंने बताया कि नये नियमों का उद्देश्य भवन निर्माण प्रक्रिया को सरल, पारदर्शी और नागरिकों के अनुकूल बनाना है।
नये नियमों के तहत बिल्डर छोटे भूखंडों पर नक्शा अनुमोदन कर सकेंगे और ऑनलाइन पंजीकरण से समय और लागत की बचत होगी। आवासीय भवनों में व्यावसायिक गतिविधियों की अनुमति से लोगों को अधिक आय के अवसर मिलेंगे। अधिक निर्माण क्षेत्र और ऊंचाई की छूट से कम जमीन पर बड़े प्रोजेक्ट्स संभव होंगे। इसके अलावा औद्योगिक इकाइयों और पर्यटन क्षेत्र जैसे होटल, होम स्टे के लिए मानकों में छूट से निवेशक आकर्षित होंगे और प्रदेश के आर्थिक विकास को गति मिलेगी।
नये बिल्डिंग बायलॉज के प्रावधान के अनुसार नक्शा अनुमोदन में छूट मिलेगी, जिससे 100 वर्ग मीटर तक के आवासीय भूखंड और 30 वर्ग मीटर तक के व्यावसायिक भूखंडों पर निर्माण के लिए नक्शा पास कराने की आवश्यकता नहीं होगी। केवल ऑनलाइन पंजीकरण और एक रुपये का टोकन शुल्क देना होगा। 500 वर्ग मीटर तक के आवासीय और 200 वर्ग मीटर तक के व्यावसायिक भवनों के लिए विश्वास-आधारित ऑनलाइन अनुमोदन स्वतः करना होगा।
इसी तरह 10 लाख से अधिक जनसंख्या वाले शहरों में 24 मीटर और उससे कम जनसंख्या वाले शहरों में 18 मीटर चौड़ी सड़कों पर आवासीय भवनों में दुकानें, कार्यालय, नर्सरी, क्रेच या होम स्टे जैसे व्यावसायिक उपयोग की अनुमति होगी। घर के 25 प्रतिशत हिस्से का उपयोग बिना अलग नक्शा अनुमोदन के पेशेवर कार्यों (जैसे डॉक्टर, वकील) के लिए किया जा सकेगा, बशर्ते पार्किंग की व्यवस्था हो।
वही चौड़ी सड़कों पर एफएआर को बढ़ाया गया है और 45 मीटर से अधिक चौड़ी सड़कों पर सीमा को समाप्त कर दिया गया है, जबकि भवन की ऊंचाई पर प्रतिबंध हटा दिया गया है, जिससे ऊर्ध्वाधर निर्माण को बढ़ावा मिलेगा। हालांकि, एयरपोर्ट और एएसआई स्मारकों जैसे क्षेत्रों में प्रतिबंध लागू रहेंगे।
ग्राउंड कवरेज प्रतिबंध समाप्त कर दिया गया है। 15 मीटर से अधिक ऊंचे भवनों के लिए सेटबैक 15 मीटर और 12 मीटर कर सेटबैक नियमों में कमी की गई है। साथ ही पार्किंग व्यवस्था को अनिवार्य किया गया है। होटल, चिकित्सालय और पेइंग गेस्ट सुविधाओं के लिए एनओसी की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया गया है। ग्रुप हाउसिंग के लिए भूखंड क्षेत्रफल 2000 वर्ग मीटर से घटाकर 1000 वर्गमीटर बिल्टअप और 1500 वर्गमीटर नॉन-बिल्टअप किया गया है। 18 मीटर सड़कों पर शॉपिंग मॉल और 9 मीटर सड़कों पर क्लीनिक-प्राइमरी स्कूल की अनुमति दी गयी है। वहीं 10 साल में भवन का स्ट्रक्चरल ऑडिट कराने का प्रावधान किया गया है।





