पितृपक्ष पर गंगा और घाटों की सफाई कर दी पूर्वजों को श्रद्धांजलि

वाराणसी, धार्मिक नगरी काशी में पितृपक्ष के अवसर पर गंगा घाटों, पिशाचमोचन कुंड सहित अन्य तीर्थ स्थलों पर पितरों के तर्पण और श्राद्ध के लिए पूजा-पाठ किया जा रहा है। इस दौरान देश के कोने-कोने से श्रद्धालु काशी पहुंच रहे हैं। अनुष्ठान के बाद श्रद्धालु मां गंगा और घाटों पर माला, फूल व अन्य पूजन सामग्री छोड़ देते हैं या फेंक देते हैं। नमामि गंगे और नगर निगम ने सोमवार को सिंधिया घाट पर स्वच्छता अभियान चलाकर पितरों को नमन किया और श्रद्धांजलि अर्पित की।
इस अभियान में पितरों को मोक्ष दिलाने में सहायक मां गंगा की निर्मलता और अविरलता को बनाए रखने का आह्वान किया गया। श्राद्ध और तर्पण के दौरान गंगा तट पर छोड़ी गई सामग्री को एकत्र कर कूड़ेदान तक पहुंचाया गया, जिससे पितृपक्ष में गंगा घाटों की स्वच्छता बनाए रखने का संदेश दिया गया। इस दौरान लाउडस्पीकर के माध्यम से लोगों से गंगा की स्वच्छता बनाए रखने की अपील भी की गई।
नमामि गंगे काशी क्षेत्र के संयोजक व नगर निगम के स्वच्छता ब्रांड एंबेसडर राजेश शुक्ला ने कहा कि पूर्वजों को सामाजिक सरोकारों से जोड़कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की जा सकती है। पूर्वजों के नाम पर पौधरोपण कर पर्यावरण संरक्षण के साथ उनकी स्मृति को जोड़े रखा जा सकता है। पर्यावरण संरक्षण भावी पीढ़ी के लिए भी अनुपम उपहार होगा।
वहीं, तुलसी घाट पर जागृति फाउंडेशन के तत्वावधान में पौधा वितरण कार्यक्रम आयोजित किया गया।
पहले दिन तुलसी, बेल, गेंदा, पीपल, बरगद और आम के पौधों का वितरण गंगा स्नान के लिए आए श्रद्धालुओं में किया गया। इस अवसर पर डॉ. उपेंद्र कुमार त्रिपाठी ने कहा कि पितृपक्ष में पूर्वजों की स्मृति में पौधा वितरण करना अत्यंत पुनीत कार्य है। उन्होंने सभी से अपील की कि पूर्वजों के नाम पर कम से कम एक पौधा अवश्य लगाएं।