अमेरिकी टैरिफ से त्योहारी मौसम फीका रहने की आशंका से निर्यातक निराश

मुरादाबाद, अमेरिकी टैरिफ की वजह से क्रिसमस आदि त्योहारी सीजन का उत्साह फीका रहने की आशंका से पीतल नगरी मुरादाबाद के निर्यातक मायूस हैं।
हस्तशिल्प निर्यात संवर्धन परिषद (ईपीसीएच) के अध्यक्ष डॉ नीरज खन्ना ने बुधवार को बताया कि अमेरिकी टैरिफ लागू होने से उत्पन्न चुनौतियों के मद्देनजर निर्यातक भारत – अमेरिकी व्यापार समझौते पर नजर रखे हुए हैं। भारत ने अपने विकल्पों को खुला रखा है।साथ ही अपनी व्यापारिक रणनीतियों पर नये सिरे से विचार कर रहे हैं। क्रिसमस आदि त्योहारी सीजन में कारोबारी तेजी रहती है।घटते आर्डर, बढ़ता स्टाक, श्रम प्रधान उद्यम होने से कारीगरों की नौकरियों का नुक़सान, घटता मुनाफा और अमेरिका से दीर्घकालिक हिस्सेदारी घटने से चुनौतियां बढ़ गई हैं।
डॉ खन्ना ने बताया कि हस्तशिल्प निर्यातक अपने समय के चुनौतीपूर्ण वैश्विक परिवेश से जूझ रहे हैं। जिसमें भू-राजनीतिक तनाव, प्रमुख बाजारों में पारस्परिक शुल्क, बढ़ती हुई लाजिस्टिक्स लागत और मांग में अनिश्चितता, ख़रीददार का भुगतान चक्र, नियमानुसार 270 दिनों से ज्यादा में आय प्राप्त होने पर दंडात्मक ब्याज़ लग जाता है। जिससे कार्यशील पूंजी पर अनावश्यक दबाव पड़ता है।
ईपीसीएच की मांग है कि मौजूदा परिस्थितियों के मद्देनजर निर्यात आय प्राप्ति की अधिकतम अवधि 360 दिन की जाए। जिसमें एक समान एडी बैंक कार्यान्वयन हो और प्रमाणित देरी पर दंडात्मक ब्याज़ माफ़ किया जाए। डॉ खन्ना ने भारत सरकार से एक समन्वित पैकेज का अनुरोध किया है, जिसमें ऋण प्राप्ति की समय-सीमा का विस्तार और अन्य ऋणों पर मूलधन और ब्याज दोनों को कवर करने वाली एक वर्ष की मोहलत शामिल है।
उन्होने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बीच हाल ही में हुए संदेशों के आदान-प्रदान से आशा जगी है। उन्होंने कहा कि नये बाजारों में एक दम से विविधता नहीं लाई जा सकती।
डॉ खन्ना ने कहा कि व्यापारिक हितों के मद्देनजर आज़ से दो दिवसीय ‘इंडेक्स सऊदी अरेबिया -2025 मेले की सऊदी अरब के रियाद स्थित ईपीसीएच के इंडिया पवेलियन में शुरुआत हुई है। डॉ नीरज खन्ना ने बताया कि ‘इंडेक्स सऊदी अरब’ मिडिल ईस्ट का सबसे पुराना इंटीरियर डिजाइन इवेंट है। जिसमें दुनिया भर की कंपनियां हिस्सा ले रही हैं। उक्त आयोजन में शामिल होने वाली कंपनियों को ब्रांड्स की साख पर पूरा भरोसा है।मेले में अंतरराष्ट्रीय स्तर के डिजाइन, होम डेकोर, और लाइफस्टाइल से जुड़ी दुनिया को एक प्लेटफॉर्म पर इकठ्ठा होने का मौका मिलता है।
उन्होने बताया कि भारत की भागीदारी से उक्त मेले में जहां एक ओर विविधता आएगी वहीं दुनिया भर के निर्यातक, रिटेलर्स और ब्रांड्स को भारतीय वस्त्र,होम फर्निशिंग और उपभोक्ता उत्पादों की एक बड़ी श्रंखला की उद्यमिता से रुबरु होने का मौका मिलेगा। जिससे यह आयोजन भारतीय हस्तशिल्प के सोर्सिंग को सुनहरा अवसर प्रदान करने वाला है।