महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के दीक्षांत समारोह में 101 मेधावियों को मिले पदक

वाराणसी,  महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के 47वें दीक्षांत समारोह में बुधवार को 101 मेधावी छात्र-छात्राओं को स्वर्ण पदक प्रदान किया गया।

सिगरा स्थित रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर में आयोजित इस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में केजीएमयू की पूर्व कुलपति पद्मश्री प्रो. सरोज चूड़ामणि उपस्थित रहीं, जबकि समारोह की अध्यक्षता राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने की।

राज्यपाल ने अपने संबोधन में विश्वविद्यालय की व्यवस्थाओं पर नाराजगी जाहिर की। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के नाम पर स्थापित इस विश्वविद्यालय में स्वच्छता और व्यवस्था का विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए। उन्होंने विश्वविद्यालय प्रशासन से सवाल किया, “छात्रावासों की जिम्मेदारी किसकी है। विद्यापीठ की स्वच्छता सुनिश्चित करना किसका कर्तव्य है। प्रधानमंत्री ने काशी से ही स्वच्छता अभियान की शुरुआत की थी। विश्वविद्यालय की स्वच्छता की जिम्मेदारी कौन तय करेगा।”

उन्होंने कहा कि विकसित भारत के संकल्प को पूरा करने के लिए सभी को मिलकर कार्य करना होगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि केवल 75 प्रतिशत उपस्थिति वाले छात्र ही परीक्षा में शामिल हो सकेंगे। इसके साथ ही उन्होंने विद्यापीठ और संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के सभी पदाधिकारियों व जिम्मेदार व्यक्तियों को सचेत करते हुए कहा, “हॉस्टल में ड्रग्स और शराब कैसे पहुंच रहे हैं। इसके प्रमाण मेरे पास हैं। विश्वविद्यालय का जिम इतना खराब हालत में है कि वहां जाना मुश्किल है।”

अंत में उन्होंने छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा, “बेटियों, एक बात कहूंगी—‘लिव इन रिलेशनशिप’ से बचें। सोच-समझकर फैसले लें, नहीं तो मैंने टुकड़े-टुकड़े कर बीम में भरने वालों को देखा है। सावधान रहें।”

समारोह में स्नातक स्तर पर सर्वाधिक अंक प्राप्त करने वाली बीए संस्कृत की छात्रा आकांक्षा प्रजापति और स्नातकोत्तर स्तर पर एमएफए के छात्र अक्षत कुमार सिंह को दो-दो स्वर्ण पदक प्रदान किए गए। विश्वविद्यालय से संबद्ध महाविद्यालयों के टॉपरों को भी पदक दिए गए। खास बात यह रही कि 101 मेधावियों में 74 छात्राएं और 27 छात्र शामिल थे। कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय और शिक्षा राज्यमंत्री रजनी तिवारी भी उपस्थित रहीं।

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