लोकआस्था का महापर्व ‘छठ’ 25 अक्टूबर को नहाय खाय से होगा शुरू

जौनपुर, लोक आस्था का महापर्व ‘छठ’ 25 अक्टूबर शनिवार से पूर्वी उत्तर प्रदेश के जौनपुर में नहाय खाय के साथ शुरू होगा जबकि 28 अक्टूबर मंगलवार को उगते सूर्य भगवान की आराधना तथा अर्घ्य देकर महाव्रत का समापन हो जायेगा। जौनपुर के प्रसिद्ध कर्मकांडी विद्वान डॉक्टर रजनीकांत द्विवेदी के अनुसार छठ पुरबिया समाज का लोक पर्व है, सूर्य, नदी, श्रम , कृषि, संस्कृति, नारी शक्ति व सभ्यता इसके बुनियादी तत्व हैं। यह लोक पर्व मूलतः प्रार्थना ,साधना व सामुदायिक मेल की अभिव्यक्ति है। पुरबिया समाज सूर्य व कृषि को शुरू से महत्व देता रहा है, छठ में डूबते डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। पूर्व वैदिक काल से सूर्य कृषि के लिए वरदान है, इसलिए इस पर्व में खरीफ की फसलों और फलों के प्रसाद से सूर्य की आराधना होती है। स्त्री शक्ति इस पर्व के केंद्र में है। यह लोक पर्व शास्त्र और ब्राह्मण कर्मकांड से पूर्ण तक मुक्त है। पुरुष सत्ता की भी यहां कोई भूमिका नहीं, यह पूर्णत स्त्री की साधना और प्रार्थना पर केंद्रित पर्व है। छठ और सूर्य से जुड़े लोक कंठी गीत ही इस पर्व के लिए मंत्र और श्लोक हैं। स्त्री शक्ति परिवार कल्याण के लिए प्रार्थना और गीत के माध्यम से स्वर और भाव व्यक्त करती हैं । यह व्रत सूर्य की उपासना का महाव्रत है। चार दिन तक व्रती महिलाएं कठिन साधना करती हैं। इस व्रत में स्वच्छता का विशेष ध्यान रखा जाता है।
डॉ द्विवेदी ने बताया कि छठ पर्व के पहले दिन व्रती महिलाएं सिर धोकर स्रान करती हैं और नाखून काटकर शरीरिक स्वच्छता का पूरा ध्यान रखते हुए पूजा की शुरुआत करती हैं। व्रत के दूसरे दिन 26 अक्टूबर को खरना होगा। इस दिन व्रती महिलाएं निर्जला व्रत रहेंगी। इसके अगले दिन 27 अक्टूबर सोमवार को सायं अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को अर्घ्य देंगी और 28 अक्टूबर मंगलवार को व्रती महिलायें तथा पुरुष उदयमान भगवान भास्कर को अर्घ्य देकर व्रत का समापन करेंगे। माना जाता है कि सूर्य की उपासना से मानव के सारे पाप कट जाते हैं।
जिलाधिकारी डॉक्टर दिनेश चंद और पुलिस अधीक्षक डॉक्टर कौस्तुभ ने छठ पूजा को देखते हुए 27 और 28 अक्टूबर को आदि गंगा गोमती के पावन तट प्रतिमा विसर्जन घाट के पास और हनुमान घाट के दोनों तरफ सुरक्षा की दृष्टि से भारी संख्या में पुलिस बल को तैनात करेंगे, इसके साथ ही जिलाधिकारी ने घाटों की सफाई भी करने का निर्देश अधिशासी अधिकारी नगर पालिका परिषद जौनपुर को दे दिया है। पुलिस अधीक्षक डॉक्टर कौस्तुभ ने बताया कि सुरक्षा की दृष्टि से गोमती नदी में नाव पर जल पुलिस भी बराबर चक्रमण करती रहेगी।





