जनजातीय समाज के विकास के लिए 128 गांवों का चयन : मुख्यमंत्री धामी

देहरादून, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान के तहत राज्य के 128 जनजातीय गांवों को चिह्नित किया गया है जहां आधारभूत सुविधाओं के विकास के साथ-साथ शिक्षा, स्वास्थ्य और आजीविका को बढ़ावा देने की दिशा में विशेष कार्य किए जा रहे हैं।
श्री धामी ने शनिवार को यहां रेंजर ग्राउंड्स में बिरसा मुंडा जयंती पर आयोजित आदि गौरव महोत्सव में कहा,“आदि गौरव महोत्सव केवल एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि जनजातीय समाज की गौरवशाली परंपराओं, वीरता, संस्कृति और आस्था का उत्सव है। ऐसे आयोजन जनजातीय कलाकारों को अपनी प्रतिभा दिखाने का मंच प्रदान करते हैं तथा समाज के अन्य वर्गों को जनजातीय समुदाय की समृद्ध कला और संस्कृति से परिचित कराते हैं।”
उन्होंने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा जी संघर्ष, स्वाभिमान और संगठित शक्ति के प्रतीक थे। उन्होंने कहा,“जब तक समाज की सबसे कमजोर कड़ी मजबूत नहीं होती, तब तक देश वास्तविक रूप से मजबूत नहीं हो सकता।”
उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार जनजातीय समाज के सम्मान और सशक्तिकरण के लिए निरंतर कार्य कर रही है। केंद्र सरकार द्वारा जनजातीय बजट को तीन गुना तक बढ़ाना, जनजातीय समुदाय के प्रति उनकी संवेदनशीलता का परिचायक है।
श्री धामी ने कहा कि जनजातीय समुदाय के कल्याण के लिए राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे कार्यों का विवरण भी साझा किया। उन्होंने बताया कि प्रदेश में चार एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय कालसी, मेहरावना, बाजपुर व खटीमा में संचालित हैं। पिथौरागढ़ जिले में भोटिया तथा राजी जनजाति के लिए नया एकलव्य विद्यालय खोलने के लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है। प्राथमिक से स्नातकोत्तर तक छात्रवृत्ति योजना, जिससे हजारों जनजातीय छात्र लाभान्वित हो रहे हैं।
श्री धामी ने कहा कि राज्य में 16 राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालय संचालित हैं। शिक्षित बेरोजगार युवाओं के लिए 3 आईटीआई कॉलेज, तकनीकी प्रशिक्षण हेतु समर्पित हैं। उन्होंने कहा कि प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए निःशुल्क कोचिंग व छात्रवृत्ति, जनजातीय समाज की बेटियों के विवाह के लिए 50,000 अनुदान, जनजातीय कला, संस्कृति व खेलों को बढ़ावा देने के लिए राज्य जनजाति महोत्सव व खेल महोत्सव का नियमित आयोजन, जनजातीय शोध संस्थान के लिए एक करोड़ का कॉर्पस फंड की व्यवस्था है। उन्होंने कहा कि ये सभी प्रयास जनजातीय समाज को मुख्य धारा से जोड़ने और उनके आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक विकास को सुनिश्चित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं।
मुख्यमंत्री ने याद दिलाया कि वर्ष 2021 में प्रधानमंत्री मोदी ने 15 नवंबर को जनजातीय गौरव दिवस घोषित किया। यह दिवस केवल संत बिरसा मुंडा के योगदान को याद करने का ही नहीं, बल्कि जनजातीय संस्कृति और इतिहास को नई पीढ़ी तक पहुंचाने का भी अवसर है। उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार इस महोत्सव के आयोजन के लिए 50 लाख रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान करती है, ताकि जनजातीय संस्कृति का संरक्षण और विस्तार सुनिश्चित हो सके। उन्होंने कहा कि पूर्व की सरकारों ने जनजातीय समाज के स्वतंत्रता संग्राम तथा राष्ट्र निर्माण में योगदान को कभी पर्याप्त स्थान नहीं दिया। आज मोदी जी के नेतृत्व में देश जागृत है और जनजातीय नायकों के महान योगदान को इतिहास में उचित सम्मान मिल रहा है।
कार्यक्रम में देश के अन्य राज्यों और उत्तराखंड की विभिन्न जनजातिया एवं सांस्कृतिक समूहों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये।
इस अवसर पर, राज्य सभा सांसद नरेश बंसल, कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, विधायक खजान दास, मुन्ना सिंह चौहान, सविता कपूर, सचिव एवं अपर सचिव समाज कल्याण व विभाग के अन्य अधिकारी, जनप्रतिनिधि और बड़ी संख्या में स्थानीय लोग उपस्थितथे।





