देश में नशाखोरी के प्रचलन पर दूसरा सर्वे शुरू, रिपोर्ट 26 महीने में :सरकार

नयी दिल्ली,  देश में मादक पदार्थों के सेवन और स्वास्थ्य पर उसके प्रभाव से जुड़े दूसरे राष्ट्रीय सर्वेक्षण कार्य की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी और इसकी रिपोर्ट 26 माह में मिलने की उम्मीद है। यह जानकारी केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय में राज्य मंत्री बीएल वर्मा ने राज्य सभा में प्रश्न काल के दौरान अपने मंत्रालय से जुड़े एक अनुपूरक प्रश्न के जवाब में दी।

भारतीय जनता पार्टी के डॉ के लक्षमण राव द्वारा इस तरह के नये जिलेवार सर्वें के संबंध में पूछे गये पूरक प्रश्न के जवाब में श्री वर्मा ने कहा कि 2018 के बार कोई सर्वक्षण नहीं हुआ। दूसरा सर्वे किया जा रहा जो 2025 में शुरू हुआ है।

भारत में मादक प्रव्यों के इस्तेमाल की सीमा और पैटर्न पर यह सर्वे हर पांच साल में किया जाता है। पिछला सर्वे अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स नयी दिल्ली) के माध्यम से 2028 में हुआ था जिसकी रिपोर्ट 2019 में प्राप्त हुई थी।

उन्होंने बताया कि दूसरे सर्वे के लिए मंत्रालय और एम्स के बीच 24 मार्च को एक करार पर हस्ताक्षर हो चुका है तथा सर्वे के काम के लिए जून में 74.28 करोड़ रुपये की पहली किश्त जारी की जा चुकी है।

उन्होंने बताया कि बजट की पहली किस्त जारी होने के बाद इस काम में 26 महीने लगेंगे और उसकी रिपोर्ट की जानकारी सदस्यों को दी जाएगी।

श्री राव ने नशाखोरी के चलन को न केवल प्रभावित परिवारों के लिए संकट बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए चुनौती बताया। उन्होंने कहा कि पंजाब, तेलंगाना और केरल जैसे राज्य इस समस्य से विशेष रूप से प्रभावित हैं।

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