जाति जनगणना संबंधी मेरे सवाल पर सरकार का जवाब चौंकाने वाला : राहुल गांधी

नयी दिल्ली, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष एवं लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कहा है कि जाति जनगणना को लेकर उन्होंने सरकार से सवाल पूछा है और उसका जो जवाब उन्हें मिला वह चौंकाने वाला है और जवाब से स्पष्ट हो गया है कि इस मामले में सरकार की कोई रणनीति नहीं है और ना ही राज्यों में हुए सफल जनगणना से वह कुछ सीखना चाहती है।
कांग्रेस नेता ने सोशल मीडिया एक्स पर अपने सवाल तथा गृह मंत्रालय से मिले उसके जवाब को बुधवार को पोस्ट किया और कहा इसको लेकर जिस तरह का जवाब सरकार की तरफ से आया है वह उससे साफ है कि सरकार जाति जनगणना के नाम पर देश के बहुजनों के साथ खुले तौर पर विश्वासघात कर रही है।
श्री गांधी ने लिखा “संसद में मैंने सरकार से जाति जनगणना पर सवाल पूछा, जवाब चौंकाने वाला है। न ठोस रूपरेखा, न समयबद्ध योजना, न संसद में चर्चा और न ही जनता से संवाद। दूसरे राज्यों की सफल जाति जनगणनाओं की रणनीति से सीखने की कोई इच्छा भी नहीं है। मैने सवाल पूछा था कि क्या गृह मंत्री बताने की कृपा करेंगे कि दशकीय जनगणना की तैयारी के लिए प्रमुख प्रक्रियात्मक कदमों, कार्यक्रम निर्धारित करने का ब्यौरा और संभावित समयसीमा क्या है। जवाब में गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने बताया कि जनगणना 2027 दो चरणों में की जाएगी, 1-मकान सूचीकरण तथा मकानों की गणना जो अप्रैल से से सितंबर 2026 में 30 दिनों की अवधि में राज्य तथा केंद्र शासित प्रदेश सरकारों की सुविधा के अनुसार की जाएगी, इसके बाद चरण 2 में जनसंख्या गणना (पीई) होगी। जनसंख्या गणना, फरवरी 2027 के दौरान होगी जिसके संदर्भ में 1 मार्च, 2027 को 00 बजे होगी, सिवाय संघ राज्य क्षेत्र लद्दाख और संघ राज्य क्षेत्र जम्मू-कश्मीर तथा हिमाचल प्रदेश एवं उत्तराखंड राज्य के हिमालयी असमाकलिक क्षेत्रों में, जो जनसंख्या गणना, सितंबर 2026 के दौरान होगी जिसके संदर्भ में अक्टूबर, 2026 के पहले दिन के ००:०० बजे होगी।”
कांग्रेस नेता का दूसरा सवाल था कि क्या सरकार का जनगणना के सवालों का प्रारूप प्रकाशित करने और इसको लेकर जनता या जनप्रतिनिधियों से इनपुट लेने का कोई प्रस्ताव है। श्री राय ने जवाब में बताया कि जनगणना प्रश्नावली को प्रत्येक जनगणना से पहले विभिन्न मंत्रालयों, विभागों, संगठनों और जनगणना डेटा उपयोगकर्ताओं आदि से प्राप्त सुझाव तथा इनपुट के आधार पर अंतिम रूप दिया जाता है। प्रारूप के तहत जनगणना प्रश्नावली को अंतिम रूप देने से पहले उनकी व्यावहारिकता का मूल्यांकन करने के वास्ते क्षेत्र में पूर्व परीक्षण किया जाता है। जनगणना नियम 1990 के नियम 6 के अनुसार जनगणना प्रश्नावली केंद्र सरकार द्वारा अधिनियम की धारा8 की उपधारा 1 के तहत अधिकाधिक राजपत्र के माध्यू से अघिसूचित की जाती है।





