मुंबई, देश में हजार व पांच सौ के नोटों के चलन को प्रतिबंधित कर देने के बाद रिजर्व बैंक के पास अन्य नोटों की बेहद कमी हो गई है। इसे देखते हुए नाशिक प्रिटिंग प्रेस में पिछले एक सप्ताह से पचास के नोट दिन रात छापे जा रहे हैं। नाशिक के करेंसी नोट प्रेस मजदूर संघ के महासचिव जगदीश गोडसे ने यह जानकारी दी है।
गोडसे ने कहा कि काले धन से लडने के लिए प्रधानमंत्री ने बड़े पैमाने पर लड़ाई छेड़ दिया है। गोडसे के मुताबिक, इस लड़ाई की तैयारी पिछले कई महीनों से गोपनीय तरीके से जारी थी। प्रधानमंत्री ने दो महीने पहले ही हजार व पाच सौ के नोटों की छपाई पर बंदी लगा दिया था। पिछले दो महीने में हजार व पाच सौ रुपए के नोट की छपाई नहीं की गई थी। गोडसे ने बताया कि हजार व पांच सौ के नोट चलन में से बंद किए जाने के बाद सौ, पचास के नोट ज्यादा मात्र में लगने वाले हैं इसे देखते हुए नोटों की छपाई का काम जारी है। गोडसे ने कहा कि नाशिक करेंसी नोट प्रेस में सिर्फ पचास रुपए के नोट ही छापे जा रहे हैं, जबकि सौ व अन्य के नोट देश की अन्य करेंसी नोट प्रेस में छप रहे हैं। गोडसे ने नए चलन में आने वाले दो हजार व पांच सौ के नोट के बारे में बताया कि दोनों डॉलर के जैसे दिखती है, लेकिन इनकी छपाई में भी देशी स्याही का ही प्रयोग किया गया है।